केंद्र की मोदी सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर लगा प्रतिबंध (बैन) हटा लिया है। गृह मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। RSS को लेकर यह बैन 58 वर्ष पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा लगाया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने केंद्र द्वारा उसकी बैठकों में सरकारी कर्मियों के शामिल होने पर लगा बैन हटाने के कदम का स्वागत किया है।
वहीं कांग्रेस पार्टी और उसके वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर मोदी सरकार के आधिकारिक आदेश की कॉपी शेयर की है। दूसरी तरफ भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी आदेश का स्क्रीन शॉट साझा करते हुए कहा कि ‘मोदी सरकार ने 58 साल पहले यानी 1966 में सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने पर लगाया गया असंवैधानिक प्रतिबंध हटा दिया है। यह बैन उस समय दुर्भावना से लगाया गया था और इसे उसी समय पारित नहीं होना चाहिए था।
इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि ‘यह प्रतिबंध इसलिए लगाया गया था, क्योंकि 7 नवंबर 1966 को संसद में गौ हत्या के खिलाफ एक बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन हुआ था। लाखों की संख्या में RSS-जनसंघ ने इसका समर्थन जुटाया था। पुलिस फायरिंग में कई लोग मारे गए थे। RSS-जनसंघ के प्रभाव से डरी हुई कांग्रेस सरकार ने तब सरकारी कर्मचारियों के RSS में शामिल होने पर रोक लगा दी थी।