आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने पांच दिवसीय बिहार दौरे पर मुजफ्फरपुर में हैं। इस दौरान आज शुक्रवार की सुबह—सुबह उन्होंने आरडीएस कॉलेज मैदान में शाखा लगाया। शाखा में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में व्यायाम और शारीरिक दक्षता के सेशन में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 5 मार्च की देर शाम में मुजफ्फरपुर पहुंचे थे और 6 मार्च को सुपौल गए थे, फिर सुपौल से देर शाम मुजफ्फरपुर लौट गये थे। सुपौल प्रवास के दौरान संघ प्रमुख ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत अपनी सांस्कृतिक विरासत के बल पर पूरी दुनिया को रास्ता दिखा सकता है। श्री भागवत ने बिहार के संदर्भ में कहा कि यह समर्पण, कड़ी मेहनत और पुरुषार्थ की धरती है। सरसंघचालक ने सुपौल में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के नए भवन का उद्घाटन करने के बाद यह टिप्पणी की।
जब भी मैं बिहार आता हूं, तो…
इस मौके पर भागवत ने कहा कि हमारी सभ्यता प्राचीन है। भारत, मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है जो पूरी दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है। उन्होंने कहा कि आरएसएस की शैक्षणिक शाखा विद्या भारती ज्ञान और संस्कार प्रदान करने के लिए समर्पित है। उन्होंने अभिभावकों से बड़ी संख्या में अपने बच्चों को संगठन द्वारा संचालित स्कूलों में दाखिला दिलाने का आग्रह किया। भागवत ने बिहार के साथ अपने जुड़ाव के बारे में भी बात की और क्षेत्रीय प्रचारक के रूप में बहुत पहले राज्य में बिताए छह साल के कार्यकाल को याद किया। उन्होंने कहा कि जब भी मैं बिहार आता हूं, तो मुझे कई जगहों पर जाने का मन होता है, लेकिन समय की कमी के कारण मैं ऐसा कभी नहीं कर पाता।
बिहार पर बोलते हुए श्री भागवत कहा कि बिहारवासी समर्पण, कड़ी मेहनत और पुरुषार्थ के प्रतीक हैं। उन्होंने बिहार के गया जिले के चर्चित रहे दशरथ मांझी का उदाहरण दिया, जिन्होंने सालों तक पहाड़ को काटकर एक रास्ता बनाया था। इस समारोह में अन्य लोगों के अलावा भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के मंत्री नीरज सिंह बबलू भी शामिल हुए। इधर खबर है कि आज शुक्रवार को मुजफ्फरपुर के कलमबाग चौक स्थित प्रांतीय कार्यालय मधुकर निकेतन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत तमाम आरएसएस के सदस्यों के साथ बैठक करेंगे। पुनः 8 मार्च को भी मुजफ्फरपुर में श्री भागवत शाखा में शामिल होंगे, फिर बैठक करेंगे और फिर 9 मार्च को नागपुर के लिए रवाना हो जाएंगे।