देशभर में बहुत जल्द पेट्रोल और डीजल 20 रुपये तक सस्ता होने वाला है। केंद्र की मोदी सरकार इसपर शीघ्र ही निर्णय ले सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार ने पूरी प्लानिंग भी कर ली है। सरकार की योजना पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाने की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में इसके संकेत भी दे दिये। अगर पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में ला दिया गया तो कीमतें काफी कम हो जायेंगी क्योंकि जीएसटी की अधिकतम दर 28 प्रतिशत ही है।
अभी इस तरह तय होती है पेट्रोल-डीजल की कीमतें
अभी पेट्रोल-डीजल की कीमतें जिस तरीके से तय होती हैं, उसके तहत पेट्रोल और डीजल की बेस प्राइस 55 से 65 रुपये तक होती है। इसके बाद इसपर केंद्र सरकार की ओर से करीब 20 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। वहीं, राज्य सरकार द्वारा इसपर साढ़े 15 रुपये वैट (VAT) वसूला जाता है। इसके अलावा ट्रांसपोर्टेशन लागत और डीलर कमीशन मिलाकर कुल 4 रुपये लगता है। इसके बाद आपको मिलने वाले पेट्रोल की अंतिम कीमत आती है। अभी पेट्रोल के लिए बिहार में 105 से लेकर 108 रुपये तक प्रति लीटर हमें देना होता है।
Petrol-Diesel को GST दायरे में लाने की तैयारी
केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है। लंबे समय से इसकी मांग भी की जा रही है। पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी कानून में शामिल करने का प्रावधान पहले ही कर दिया है। अब राज्यों को इसके बारे में फैसला लेना है और अगर वे साथ आकर पेट्रोल—डीजल पर दरें तय करें तो कीमतें कम हो सकती हैं। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि एक बार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने का यह निर्णय हो जाने के बाद इसे अधिनियम में शामिल कर दिया जाएगा।