बिहार राइस मिल घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज राज्य सरकार और फूड कारपोरेशन निगम को बड़ी राहत देते हुए मिल मालिकों से 1500 करोड़ रुपये वसूलने की इजाजत दे दी है। दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने पहले ही इस मामले में बिहार फूड कारपोरेशन निगम को आदेश देते हुए यह कहा था कि वह मिल मालिकों से गबन किए गए पैसे को वसूल सकते हैं। हाई कोर्ट के इसी फैसले को मिल मालिकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। .अब सुप्रीम कोर्ट ने भी पटना हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्य सरकार और फूड कारपोरेशन को आदेश दिया है कि वह मिल मालिकों से गबन के पैसों की वसूली करें।ं.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में अपना अहम फैसला सुनाते हुए यह कहा कि बिहार फूड कारपोरेशन को यह अधिकार है कि पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट के तहत मिल मालिकों से गबन किए पैसे को वसूल सकता है। सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की तरफ से बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह ने पक्ष रखा था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से बिहार राइस घोटाले से जुड़े हुए मिल मलिक को एक बड़ा झटका लगा है। अब उन्हें किसी भी कीमत पर फूड कारपोरेशन को पैसे चुकाने होंगे।
सुप्रीम कोर्ट से पहले पटना हाई कोर्ट ने इस मामले में मिल मालिकों के खिलाफ फैसला सुनाया था। मालूम हो कि यह मामला कुल 1500 करोड़ से अधिक के चावल को गबन कर लेने का है। अब बिहार सरकार और फूड कारपोरेशन निगम को कहा गया है कि वह 1500 करोड़ रुपये वसूलने की प्रक्रिया को शुरू करें।