पटना: प्रख्यात रंगकर्मी 65 वर्षीय अभिमन्यु दास उपाख्य अभिमन्यु प्रिय के आकस्मिक निधन पर रंगकर्म के लिए समर्पित संस्था ‘संधान’ द्वारा एक स्मृति सभा का आयोजन किया गया। उपस्थित रंगकर्मियों ने उन्हें रंगकर्म का समर्पित योद्धा बताया।
ज्ञात हो कि 08 मई को हृदयाघात से उनकी मृत्यु हो गई थी। अभिमन्यु प्रिय गत 55 वर्षों से रंगकर्म में सक्रिय थे। बचपन में ही अपने पिताजी के साथ नाटक देखने जाते थे। पिता अर्जुन प्रसाद बंजारा भी रंगकर्मी थे। उस समय से नाटक के प्रति जो रुझान शुरू हुआ वह ताउम्र रहा। उनके प्रसिद्ध नाटकों में अंगुलिमाल, अंधा मानव, कैंडल मार्च, यूएसए की पोटली इत्यादि प्रमुख हैं। वैसे इनकी पहचान कबीर के रूप में थी। कबीर केंद्रित नाटकों में कबीर की भूमिका में रहते थे।
अपने शोक सन्देश में प्रसिद्ध रंगकर्मी और फिल्मकार रीतेश परमार ने कहा कि इनके निधन से पटना का ग्रामीण रंगमंच सूना हो गया। अभिमन्यु जी गणेश चतुर्थी से कार्तिक पूर्णिमा तक ग्रामीण रंगमंच के लिए समर्पित रहते थे। पटना के मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर इत्यादि क्षेत्रों में होनेवाले नाटकों में अग्रणी भूमिका रहती थी। फिल्मकार और केन्द्रीय फ़िल्म प्रमाणन बोर्ड के सदस्य प्रशांत रंजन ने अभिमन्यु को पटना रंगमंच का सशक्त हस्ताक्षर बताया। रंगकर्मी सुजीत कुमार उमा ने कहा कि अभिमन्यु प्रिय की सशरीर उपस्थिति भले अपने बीच नहीं हो, लेकिन वे सदैव हमलोगों का मार्गदर्शन करते रहेंगे। उनके बताए मार्ग पर ही हमें चलना है।