मॉनसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने आज मंगलवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में काले कपड़ों में प्रदर्शन कर विरोध जताया। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी खुद काली साड़ी पहनकर सदन के बाहर प्रदर्शन करती दिखीं। बिहार में मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण और बढते अपराध के खिलाफ विपक्ष ने विरोध का यह तरीका अपनाया। पहले विधानसभा और फिर विधान परिषद में, विपक्ष के सदस्य काले कपड़े में नजर आये। खासकर विधान परिषद में तो आरजेडी के तमाम सदस्यों ने काले कपड़े पहन रखे थे। विरोध कर रहे विधायकों के हाथों में तख्तियां थीं जिनपर लिखा दिखा-‘मतदान पुनरीक्षण बहाना है, मकसद वोटबंदी लाना है। चुनाव हड़पने की कोशिश मोदी-नीतीश बंद करो। चुनाव आयोग बन गया है सरकार का गुलाम, किया जारी वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का फरमान।’ इसके जवाब में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने चुटकी लेते हुए कहा कि अपने काले कारनामे छिपाने के लिए इन्होंने काले कपड़े पहने हैं। लेकिन जनता आगामी चुनाव में इनके मंसूबों पर कालिख पोत देगी।
कमोबेश विधानसभा में भी यही नजारा दिखा। वहां भी राजद के अधिकतर सदस्य काले कपड़े पहने हुए थे। ऐसा प्रतीत हुआ कि मानो विपक्ष ने सरकार का विरोध करने के लिए ‘काली ब्रिगेड’ बना लिया हो। विपक्षी सदस्यों को काले कपड़े में देखकर जहां स्पीकर ने कहा कि कामना करता हूं कि आप इसी तरह रहें, वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह सब देखकर अचानक उठकर निकल गए। दरअसल बिहार चुनाव के पहले हो रहे मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण से विपक्षी दल गुस्से में हैं। विपक्षी दल बिहार विधानसभा और विधान परिषद में इस पर सरकार को घेरना चाहते हैं। इसलिए इस पर चर्चा की मांग हो रही है। जबकि, सरकार का कहना है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए इस पर यहां बहस करना उचित नहीं होगा। सरकार और विपक्ष के बीच इसी मुद्दे पर रार मची है।
विपक्ष का काला ड्रेस सरकार के साथ ही विधानसभा और विधान परिषद के निर्णय के खिलाफ भी है। नारेबाजी में आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह, अब्दुल बारी सिद्दीकी समेत तमाम विधायक रहे। राबड़ी देवी ने कहा कि वोटर लिस्ट से जनता का नाम कट रहा है इसलिए हम लोग काला दिवस मना रहे हैं। पूरा महागठबंधन मतदान पुनरीक्षण का विरोध करता है।
विधान परिषद में सरकार की ओर से कहा गया कि चुनाव आयोग ने इन्ही लोगों की बातों पर संज्ञान लेते हुए कहा है कि मतदाता सूची मे जो वास्तविक रूप से हैं, उन्हें हटाया नहीं जा सकता। यह भी कहा गया है कि विपक्ष के लोग, जिनके नाम छूट गए हैं, या नहीं शामिल हुए हैं, वह सूची उपलब्ध कराएं। सत्ता पक्ष की सफाई के बावजूद विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा। विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी और अब्दुल बारी सिद्दीकी को छोड़कर पूरा विपक्ष वेल में जाकर हंगामा करने लगा। विपक्षी नेताओं ने सदन में ताली बजाकर विरोध जताया।