पूर्णिया में 14 नवंबर को हुई एससीएसी एमटीएस परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले सरगना के तार भी बिहार की सत्तारूढ़ जदयू पार्टी से जुड़े मिले हैं। सरगना की पहचान कटिहार के जदयू नेता रोशन मंडल के रूप में हुई है। पूर्णिया और कटिहार की पुलिस मुख्यमंत्री नीतीश की पार्टी जदयू के नेता रोशन मंडल की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। पूर्णिया में 14 नवंबर को एसएससी एमटीएस हवलदार भर्ती की आनलाइन परीक्षा के दौरान पुलिस ने 35 मुन्नाभाइयों को एक सेंटर से दूसरे कैंडिडेट के बदले परीक्षा देते गिरफ्तार किया था। इसके बाद एसएससी ने उस ली गई इस परीक्षा को रद कर दिया था।
पूर्णिया में धराए थे परीक्षा के दौरान 35 मुन्ना भाई
पूर्णिया पुलिस की जांच के दौरान परीक्षा में इस गोलमाल को अंजाम देने वाले सरगना की पहचान नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के नेता रोशन मंडल के रूप में हुई है। रोशन मंडल पूर्णिया जदयू का पूर्व युवा जिला अध्यक्ष भी रह चुका है। उसकी पारिवारिक पृष्ठभूमि भी राजनीतिक रही है। फिलहाल रोशन मंडल फरार बताया जा रहा है और उसका मोबाइल भी लगातार स्विच ऑफ बता रहा है। पुलिस मोबाइल नंबर के जरिये उसका लोकेशन ट्रेस करने की कोशिश कर रही है।
रोशन मंडल के कोचिंग में था परीक्षा का सेंटर
जानकारी के अनुसार जिस सेंटर पर एसएससी परीक्षा में गड़बड़ी हुई थी उसका संचालक रोशन मंडल ही है। वह उस सेंटर पर अपना कोचिंग चलाता है। वहीं रोशन मंडल के परिजनों ने इस पूरे मामले में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत रोशन मंडल को फंसाए जाने की बात कही है। मालूम हो कि रोशन मंडल का पूर्णिया के गुलाबबाग-हासदा रोड पर पूर्णिया डिजिटल सेंटर नाम से एक कोचिंग है। यहीं एसएससी एमटीएस परीक्षा का केंद्र बनाया गया था। इसी सेंटर पर परीक्षा के दौरान फर्जीवाड़े का खेल चल रहा था जिस दौरान पुलिस ने छापा मारकर 35 फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ा। जानकारी के अनुसार यहां छात्रों का फर्जी एडमिड और आधार कार्ड तैयार किया जाता था।
जदयू ने रोशन मंडल से पल्ला झाड़ा
रोशन मंडल मूलरूप से समेली प्रखंड के खोटा गांव का निवासी है। वह पांच बार युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष के पद पर मनोनीत हुआ है। इस मामले में पुलिस के दावे पर जब कटिहार के पूर्व सांसद और जदयू नेता दुलाल चंद गोस्वामी से पूछा गया तो उन्होंने रोशन मंडल से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया। दुलालचंद गोस्वामी ने कहा कि जदयू का सिद्धांत है कि जो जैसा कार्य करेंगा उसके खिलाफ वैसी ही कार्रवाई होगी। पार्टी किसी को फंसाती नहीं और न किसी को बचाती है। यह जांच का विषय है कि इस मामले में जदयू नेता का हाथ रहा है या नहीं है।