पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ का चुनाव अगले वर्ष 2025 के फरवरी–मार्च महीने में होंगे। पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव कराए जाने को लेकर छात्र पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। इसको देखते हुए कुलाधिपति और बिहार के राज्यपाल के निर्देश के बाद यह निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिया गया है। पटना विवि के प्रॉक्टर प्रो रजनीश कुमार ने इस संबंध में बताया कि चुनाव को लेकर अधिसूचना आज शुक्रवार को जारी कर दी जायेगी। दिसंबर और जनवरी में परीक्षाएं होनी हैं। इसलिए चुनाव इसके बाद कराए जायेंगे।
राज्यपाल ने PU कुलपति व कुलसचिव के साथ की बैठक
बीते दिन राज्यपाल-सह-कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने राजभवन में पटना विवि के कुलपति, कुलसचिव व वरीय पुलिस अधीक्षक के साथ बैठक की। मिली जानकारी में बताया गया कि अगले वर्ष फरवरी माह में पीयू छात्रसंघ चुनाव का शेड्यूल जारी कर दिया जायेगा। इसके बाद मार्च में चुनाव करा लिये जाएंगे। छात्रों को भी इसकी सूचना दे दी गई है। इधर छात्र संघ चुनाव को लेकर आंदोलन कर रहे पटना विवि के छात्रों का कहना है कि अधिसूचना जारी होने के बाद ही हम लोग अपना आंदोलन वापस लेंगे। संभवत: आज शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी हो जाएगी।
विवि प्रशासन को छात्रों के हित में दिये कई निर्देश
राज्यपाल ने विवि प्रशासन को निर्देश दिया कि वे छात्र-छात्राओं के बीच संवाद बनाये रखें। इसके साथ ही वे छात्रों की समस्याओं का भी जल्द से जल्द समाधान करें। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन व छात्रों के बीच संवाद की निरंतरता बनी रहनी चाहिए। राज्यपाल ने कुलपति को विवि प्रशासन में आवश्यक बदलाव लाने का निदेश भी दिया।
पटना विवि के प्रॉक्टर प्रो रजनीश कुमार ने कहा कि मरम्मती के बाद छात्रावासों के छात्रों के बीच आवांटित कर दिया जायेगा। राज्यपाल ने पटना विश्वविद्यालय के छात्रावास को लेकर भी विश्वविद्यालय के कुलपति और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक में निर्देश दिया।
2022 में हुआ था छात्र संघ का चुनाव
बता दें कि पटना विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव प्रत्येक वर्ष होना रहता है। लेकिन हर बार दो साल या तीन साल लेट हो जाता है। इससे पहले नवंबर 2022 में छात्र संघ का चुनाव हुआ था। जेडीयू के छात्र संघ के नेता आनंद कुमार अध्यक्ष बने थे। उसके बाद लगातार छात्र चुनाव कराने के लिए मांग कर रहे हैं। पिछले हफ्ते छात्र संघ चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर छात्रों का समूह कुलपति से मिलने पहुंचा था। इस दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय परिसर से बाहर निकालने और प्रदर्शन रोकने के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन को बुलाया गया था।