बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं पीटी परीक्षा रद्द कर री-एग्जाम लेने की मांग को लेकर समूचे बिहार में विरोध प्रदर्शन जारी है। जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी इस प्रदर्शन में बीती रात से ही आमरण अनशन पर पटना के गांधी मैदान में बैठे हैं। आज उनके अनशन का दूसरा दिन है। पीके के साथ सैकड़ों अभ्यर्थी भी प्रदर्शन कर रहे हैं। गांधी मैदान में बापू की मूर्ति के नीचे बैठकर सभी लोग री-एग्जाम की मांग कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने इस दौरान नारेबाजी भी की। वह री-एग्जाम..हम लेकर रहेंगे के नारे लगा रहे हैं। इसबीच बापू की मूर्ति के नीचे आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर ने बीपीएससी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीतीएससी परीक्षा की सारी सीटें फिक्स हैं। सीटों का सौदा 30 लाख से लेकर 2 करोड़ तक में हुआ है। इसीलिए आयोग परीक्षा रद नहीं कर रहा है।
मांगें पूरी नहीं होने तक जारी रहेगा आंदोलन
प्रशांत किशोर की टीम की ओर से कहा गया है कि आज हमलोगों के प्रदर्शन का दूसरा दिन है। जब तक नीतीश सरकार हमारी मांगों को मान नहीं लेती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन का माहौल इतना गर्म हो चुका है कि आयोग अब खुद को अभ्यर्थियों और प्रशांत किशोर की चुनौती के सामने घिरा महसूस कर रहा है। मैदान में डटे सैंकड़ों युवा यह साफ कर रहे हैं कि अब न्याय की लड़ाई किसी भी सूरत में रुकेगी नहीं।
प्रशांत किशोर की 5 मांगें
पीके की ओर से कहा गया कि बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ बिहार की ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ 5 मांगों को लेकर लगातार दूसरे दिन पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। उनकी 5 मांगें हैं—
- 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा में हुई अनियमितता और भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच और पुनर्परीक्षा कराई जानी चाहिए।
- 2015 में 7 निश्चय के तहत किए वादे के अनुसार 18 से 35 साल के बेरोजगार युवा को बेरोजगारी भत्ता दिया जाए
- पिछले 10 वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं में हुई अनियमितता और पेपर लीक की जांच एवं दोषियों पर की गई कार्रवाई पर श्वेत पत्र जारी किया जाए।
- लोकतंत्र की जननी बिहार को लाठीतंत्र बनाने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
- बिहार की सरकारी नौकरियों में बिहार के युवाओं की कम से कम दो तिहाई हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए डोमिसाइल नीति लागू की जाए।