पटना – प्रशांत किशोर ने वाल्मीकि नगर से लोकसभा चुनाव लड़ने को सिरे से किया खंडन, कहा – धरती इधर से उधर हो जाए मैं हटने वाला नहीं हूं, बिहार को सुधारने के लिए एक बार मैंने ठान लिया है तो इससे पीछे नहीं हटूंगा, चाहे भाजपा, जदयू या कांग्रेस क्यों न बुलाए। जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने वाल्मीकि नगर से चुनाव लड़ने की बात को शीरे से नकारते हुए कहा कि जब हमारा दल ही नहीं है तो हम वाल्मीकि नगर से कैसे चुनाव लड़ सकते हैं? मैंने जो एक बार अपने मुंह से कह दिया उससे आगे पीछे न हट सकते हैं न ही दुनिया की कोई ताकत इसे बदल सकती है। 2017-18 में मैंने कहा था कि मैं अगले 10 साल न लोकसभा जाऊंगा न ही राज्यसभा से चुनाव लडूंगा।
मुझे अगर लोकसभा लड़ना होता तो इसके लिए मुझे वाल्मीकि नगर जाने की जरूरत पड़ती? देश के किसी भी राज्यों से चाहता तो चुनाव लड़ कर सदन में चला जाता। देश की कोई भी पार्टी चुनाव जीता कर भेज देती। मेरी तो इसमे कोई दिलचस्पी ही नहीं है, पता नहीं कौन पत्रकार ऐसी खबरें चला रहे हैं। अगर मुझे चुनाव लड़ना होता तो मुझे पदयात्रा करने या वाल्मीकि नगर लोकसभा चुनने की क्या जरूरत पड़ती? हम बंगाल से लड़ लेते आंध्र प्रदेश से लड़ लेते। हमने पहले ही कह दिया है कि न मुझे कोई दल से मतलब है न ही कोई राजनीतिक पार्टी से।
बिहार में मैं पिछले 18 महीने से पैदल चल रहा हूं तो क्या मैं कोई दल नहीं बनाता? बिहार में तो 1 दिन में दल बन जाता है। जो बात हमने कहीं है जब तक बिहार को सुधारने के नजरिए से 3 उद्येश्य को लेकर घर से निकले हैं इसे पूरा करने के लिए जब तक कोई नई व्यवस्था न बना लें तब तक इस लक्ष्य से पीछे हटने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता चाहे धरती इधर से उधर क्यों न हो जाए। मैं बहुत जिद्दी आदमी हूं एक बार मैंने ठान लिया तो मैं इधर से उधर जाने वाला नहीं हूं इसके लिए मुझे चाहे नीतीश कुमार बुला के ऑफर दे दें या भाजपा या कांग्रेस दे दे। बिहार को सुधारे बिना कहीं नहीं जाएंगे।