डॉ.सच्चिदानंद कुमार
(लेखक पीएमसीएच एलुमिनाई एसोसिएशन के संयोजक हैं)
अपनी स्थापना के कुछ वर्ष बाद ही प्रिंस आफ मेडिकल कालेज के पूर्ववर्ती छात्रों के बीच भावनात्मक संबंध संस्स्थागत स्वरूप लेने लगा था। इसके परिणामस्वरूप वर्ष 1936 में इसके एलुमिनाई एसोसिएशन की स्थापना हो गयी। इस वर्ष यानी 2025 में पटना मेडिकल कालेज अपना शताब्दी समारोह आयोजित कर रहा है। वहीं 11 वर्ष बाद 2036 में इसका एलुमिनाई एसोसिएशन भी अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा। वर्ष 1936 में जब एलुमिनाई एसोसिएशन की स्थापना हुई तब उसके प्रथम अध्यक्ष डॉ.यूपी सिन्हा बने थे। उस समिति के सचिव डा. सराजुल हुए थे। इन दोनों ने पांच वर्ष तक इस पद पर रहते हुए इस नवोदत एसोसिएशन को एक स्वरूप प्रदान किया। पटना मेडिकल कालेज से पढ़ाई पूरी कर भारत और भारत के बाहर विदेशों में रहने वाले पूर्ववर्ती छात्रों जोडे रखने में यह एसोसिएशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पटना मेडिकल कालज परिसर में इसका अपना कार्यालय है जो नियमित कार्य करता है। इसके माध्यम से पूर्ववर्ती छात्र अपने मातृ संस्थान से सतत व जीवंत जुड़ाव महसूस करते हैं। आवष्यकतानुसार उन्हें आवश्यक समाचार, अपेक्षित सूचनाएं भी मिलती रहती है।
पटना मेडिकल कालेज एक विशाल परिवार है जिसमेें वर्तमान शिक्षक और छात्रों के साथ ही इसके पूर्ववर्ती छात्र भी शामिल है। इस परिवार के सदस्य भावनात्मक रूप से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसमें व्यावहारिक रूप से एसोसिएशन एसोसिएशन की भूमिका प्रमुख है। इस संस्थान की मूूल शक्ति इसके छात्र और शिक्षक है, इसमें पूर्ववर्ती छात्र और शिक्षक भी शामिल हैं। किसी संस्थान की मूल पूंजी उसकी विष्वसनीयता, समाज में उपयोगिता और उसकी छवि होती है। यह सब उसके शिक्षक और छात्रों के बल पर ही संभव होता है। मेरा मानना है कि पहले संस्थान व्यक्ति का निर्माण करता है, उसमें योग्यता और कौशल का विकास करता है, इसके बाद उस संस्थान का ऋण चुकाने की बारी उससे निकलने वाले छात्रों की होती है। पीएमसीएच के पूर्ववर्ती छात्रों को अपने इस मातृ संस्थान से भावनात्क लगाव रहता है। तभी तो वे सात समुुंदर पार से जब भी अपने देश आते हैं तो अपने इस मातृ संस्थान का दर्शन करना नहीं भूलते हैं। पूर्ववर्ती छात्रों का यह जीवंत संगठन पीएमसीएच की समृद्ध परम्परा के विकास में अपनी भूमिका निभाता रहा है।
एसोसिएशन अपने इस महान संस्थान के छात्रों की प्रतिभा का सम्मान करने के लिए गोल्डमेडल प्रदान करता है ताकि प्रतिभावान छात्रों में अपनी पेषा और अपने इस कालेज की गरिमा बढ़ाने का उत्साह बना रहे। इस षताब्दी समारोह के अवसर पर एलुमीनाई एसोसिएशन ने 102 प्रतिभावान छात्रों को गोल्डमेडल देने का निष्चय किया है। इस अवसर पर विदेष मंे रहकर मेडिकल साइंस को समृद्ध बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस कालेज के पूर्ववर्ती छात्र अच्छी संख्या में एकत्रित हो रहे हैं। इस अवसर पर हम अपने इस संस्थान के गौरवषाली अतीत और परम्परा को और अधिक मजबूत बनाने के बिंदु पर विचार करने वाले हैं। यह सुखद संयोग है कि षताब्दी वर्ष में पटना मेडिकल कालेज फिर से प्रगति पथ पर तेजी से चल पड़ा है। संसाधन के अभाव के दिन समाप्त हो गए हैं। ऐसे में मेडिकल साइंस षोध के क्षेत्र में यह संस्थान इतिहास रचने की ओर अग्रसर है जिसमें इसके पूर्ववर्ती छात्रों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।