By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Swatva Samachar
Notification
  • Home
  • देश-विदेश
  • राज्य
  • राजपाट
  • खेल-कूद
  • मनोरंजन
  • अपराध
  • अर्थ
  • अवसर
  • आप्रवासी मंच
    • बिहारी समाज
  • मंथन
  • वायरल
  • विचार
  • शिक्षा
  • संस्कृति
  • स्वास्थ्य
  • वीडियो
  • E-Magazine
Font ResizerAa
Swatva SamacharSwatva Samachar
  • देश-विदेश
  • राजपाट
  • खेल-कूद
  • मनोरंजन
  • अपराध
  • अर्थ
  • अवसर
  • आप्रवासी मंच
  • बिहारी समाज
  • मंथन
  • वायरल
  • विचार
  • शिक्षा
  • संस्कृति
  • स्वास्थ्य
Search
  • About us
  • Advertisement
  • Editorial Policy
  • Grievance Report
  • Privacy Policy
  • Terms of use
  • Feedback
  • Contact us
Follow US
मंथन

नमो के कारण फिर चर्चा में दृढ संकल्प व प्रचंड पुरूषार्थ का प्रतीक विवेकानंद राक

K.K Ojha
Last updated: June 3, 2024 7:45 pm
By K.K Ojha 1.4k Views
Share
7 Min Read
SHARE

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के एक दिन पूर्व जब प्रचार थम गया तब लग रहा था कि मीडिया बाजार में सनसनीखेज खबरों की थोड़ी कमी होगी लेकिन पीएम मोदी ने मीडिया बाजार को बिकाउ खबरें दे दी। चुनाव प्रचार थमने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के सबसे दक्षिणी छोर पर कन्याकुमारी के पास समुद्र में स्थित विवेकानंद राक पर साधना करने पहुंच गए। प्रधानमंत्री मौन हो गए लेकिन विपक्षी पार्टी के नेताओं के व्यंग्यवाण शुरू हो गए। राजनीतिक घमासान के बीच विवेकानंद राक के महत्व की चर्चा कोई नहीं कर रहा है।

Contents
एक परमतीर्थप्रामाणिक साहित्यिक स्रोतन्यायिक जांच के आदेशराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक एकनाथ रानाडेधनसंग्रह की बात
- Advertisement -

एक परमतीर्थ

प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी में जिस “विवेकानन्द रॉक मेमोरियल” के ध्यान कक्ष में तीन दिवसीय धारना, ध्यान, समाधि के आर्ष सिद्धांत को व्यवहार में उतारने का संयम शुरू किया उसका इतिहास भारत के गौरव जागरण का इतिहास है। समुद्र के भीतर स्थित टापूनुमा वह विशाल पाषण वास्तव में एक परमतीर्थ है। आज से 132 वर्ष पूर्व समुद्र की लहरों को चीरते हुए भारत का युवा संन्यासी विवेकानंद इसी टापू पर पहुंचे थे और तीन दिनों तक गहन समाधि में बैठे रहे। जब वे समाधि से उठे तब उनके मुख से निकला था 21वीं शताब्दी में भारत विश्वगुरु के रूप में स्थापित होगा।

इसके बाद वे शिकांगो गए और भारत की सौम्य शक्ति यानी अध्यात्म से विश्व समुदाय का परिचय कराया था। भारत के राष्ट्रीय चेतना सम्पन्न लोग इस स्थान के महत्व को समझते थे। इसे एक राष्ट्रीय स्मारक बनाना चाहते थे लेकिन आजादी के बाद से ही इस अतिमहत्वपूर्ण स्थल पर विदेशी शक्तियों की नजरें थीं। कुछ लोग इस टापू पर क्रांस का चिह्न लगाना चाह रहे थे लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के बाद यह संभव नहीं हो सका था।

प्रामाणिक साहित्यिक स्रोत

इसी बीच 1962 में विवेकानन्द जन्मशताब्दी आ गया। इस अवसर पर कन्याकुमारी में लोगों ने एक समिति बनायी और तय किया कि उस टापू तक एक पैदल ब्रिज बनवाया जाए। भारत भ्रमण के क्रम में स्वामी विवेकानन्द 24 दिसम्बर 1892 को कन्याकुमारी पहुंचे थे। प्रामाणिक साहित्यिक स्रोतों के अनुसार विवेकानंद ने जब उस चट्टान को देखा तब उन्होंने अपने अंदर एक प्रेरण व शक्ति का अनुभव किया। और वे उछलकर समुद्र में कूद गए, तैरते हुए उस चट्टान पर पहुंच गए। वहां पहुंचने के बाद उनका मन एकाग्र हो गया और वे ध्यान के बाद गहन समाधि की अवस्था में पहुंच गए।

- Advertisement -

न्यायिक जांच के आदेश

विवेकानंद जन्मशताब्दी वर्ष में इस चट्टान पर एक छोटा सा स्मारक बनाने की योजना बनीे थी। करीब-करीब इसी समय मद्रास के रामकृष्ण मिशन आश्रम ने भी ऐसे ही स्मारक की योजना बनाई। 1962 नेहरु का दौर था। स्थानीय आबादी में एक बड़ी संख्या कैथोलिक मछुआरों की थी। चट्टान तक उस दौर में केवल तैरकर या नाव से पहुंचा जा सकता था। इन कैथोलिक समूहों ने उस टापूनुमा विशाल चट्टान का नाम सैंट जेवियर रॉक दे दिया। इसके साथ ही वहां एक एक बड़ा सा क्रॉस बना दिया गया। क्रॉस बहुत बड़ा था। दूर किनारे से ही वह दिखने लगा था। इसके बाद फौरन हिन्दुओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया। उस समय तमिलनाडू में कांग्रेस की सरकार थी। लोगों की शिकायत पर न्यायिक जांच के आदेश दिए गए। न्यायिकजांच में यह बात सामने आयी कि वह विवेकानंद राक ही है।

इस घटना के बाद स्थिति विस्फोटक हो गयी। सरकार ने विवेकानन्द राक को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करके कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री एम भक्तवत्सलम ने वहां पुलिस को तैनात कर दिया। मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया। उस समय केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी। केंद्र की कांग्रेस सरकार में उस समय संस्कृति मंत्री बंगाल के हुमांयू कबीर थे। उन्होंने इस मामले को अटकाने का प्रयास किया।

- Advertisement -

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक एकनाथ रानाडे

अबतक इस मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक एकनाथ रानाडे का प्रवेश हो चुका था। उन्हें विवेकानन्द मेमोरियल रॉक मिशन बनाया और उस विशाल पाषण को भारत का सांस्कृतिक-आध्यात्मिक केंद्र बनाने का संकल्प ले लिया। एकनाथ जी राजनीतिक समझ वाले व्यक्ति थे। वे जानते थे कि हुमांयू कबीर का चुनावी क्षेत्र कोलकाता है। उन्होंने ने हुमायूं कबीर के क्षेत्र में खबर फैला दी कि वेे बंगाल के सबसे विख्यात सुपुत्र विवेकानंद का स्मारक नहीं बनने देना चाहते हैं। बंगाल में उनका उग्र विरोध शुरु हो गया। इसके बाद मंत्री कबीर ने कहना शुरू किया कि निर्माण से उस चट्टान की शोभा समाप्त हो जाएगी। स्मारक के नाम पर एक स्टोन टेबलेट लगा दी जाए। इसके बाद 17 जनवरी 1963 को वहां एक स्टोन स्लैब लग दिया गया।

वहीं एकनाथ रानाडे लाल बहादुर शास्त्री के संपर्क में थे। अब प्रधानमंत्री नेहरु के आदेश के बिना यह काम संभव नहीं था। इस मिशन को लेकर एकनाथ रानाडे दिल्ली में ही रुके रहे। इसके बाद विवेकानंद मेमोरियल रॉक पर स्मारक के समर्थन में उन्होंने सांसदों के हस्ताक्षर इकठ्ठा करने शुरू किये। तीन दिन के अन्दर उन्होंने 323 सांसदों का समर्थन जुटा लिया। इसके बाद कांग्रेस सरकार थोड़ी ढीली पड़ी। इसके बाद तमिलनाडू की कांग्रेस सरकार को झुंकना पड़ा।

मुख्यमंत्री एम भक्तवत्सलम ने इसके बाद केवल पंद्रह फीट गुणा पंद्रह फीट का स्मारक बनाने की आज्ञा दी। एकनाथ को पता था कि इतने से काम नहीं हो सकता तो वे कांची कामकोटी पीठ के 68वें शंकराचार्य जगद्गुरु श्री चंद्रशेखर सरस्वती महास्वमिंगल के पास जा पहुंचे। कांची पीठ के शंकराचार्य महापेरियावर ने जो 130 फीट डेढ़ इंच गुणा छप्पन फीट का नक्शा सुझाया। एम भक्तवत्सलम को शंकराचार्य का सुझाव मानना पड़ा।

धनसंग्रह की बात

अब इसके लिए धनसंग्रह की बात सामने आयी। एकनाथ रानाडे ने विश्व भर के हिन्दुओं से अपील की कि वे एक रुपये इसके लिए दान दें। स्वामी विवेकानन्द की 108वीं जयंती (हिन्दू पंचांग के हिसाब से) 7 जनवरी 1972 को ओकार युक्त भगवा ध्वज की स्थापना के साथ विवेकानन्द केंद्र की स्थापना की घोषणा की गयी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा व साधना के बाद विवेकानंद राक का गौरव एकबार फिर सामने आ गया है।

 

TAGGED: bjp congress vivekanand rock, bjp vivekanand, PM Modi, vivekanand rock, vivekanand rock politics
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp LinkedIn Telegram Copy Link
Did like the post ?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Wink0

हमने पुरानी ख़बरों को आर्काइव में डाल दिया है, पुरानी खबरों को पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक कर। Read old news on Archive

Live News

- Advertisement -

Latest News

जी हां! चौंकिए नहीं, प्रखंड परिसर से हो रही शराब तस्करी
बिहारी समाज
मशरूम की खेती का हब बना नवादा, राज्य समेत अन्य राज्यों में की जा रही आपूर्ति
बिहारी समाज
140 लीटर महुआ शराब बरामद, बाइक जब्त, धंधेबाज फरार
बिहारी समाज
मुखिया को पदच्युत करने में विभाग के फूल रहे हाथ पांव
बिहारी समाज
- Advertisement -

Like us on facebook

Subscribe our Channel

Popular Post

जी हां! चौंकिए नहीं, प्रखंड परिसर से हो रही शराब तस्करी
बिहारी समाज
मशरूम की खेती का हब बना नवादा, राज्य समेत अन्य राज्यों में की जा रही आपूर्ति
बिहारी समाज
140 लीटर महुआ शराब बरामद, बाइक जब्त, धंधेबाज फरार
बिहारी समाज
मुखिया को पदच्युत करने में विभाग के फूल रहे हाथ पांव
बिहारी समाज
- Advertisement -
- Advertisement -

Related Stories

Uncover the stories that related to the post!
विधानसभा, नीतीश, पीएम मोदी, भाई वीरेंद्र, बिदके, राजद
देश-विदेश

PM मोदी का नाम सुनते ही बिदके भाई बीरेंद्र तो नीतीश ने अच्छे से सुना दिया

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर…

By Amit Dubey
लेटेस्ट न्यूज़

राज्यपाल के अभिभाषण में माइक खराब, स्पीकर ने बुलाई बैठक, होगी कार्रवाई

पटना: बिहार विधान सभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने बुधवार को राज्यपाल…

By Swatva Desk
एक्ट्रेस, नेहा शर्मा, ED, पूछताछ, कांग्रेस, अजीत शर्मा, बेटी, भागलपुर, चुनाव
देश-विदेश

भागलपुर सीट से चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस नेता अजीत शर्मा की एक्ट्रेस बेटी से ED की पूछताछ

ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म 1xBet से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने…

By Amit Dubey
लेटेस्ट न्यूज़

रजौली में मनायी गयी सांसद विवेक ठाकुर का 56 वाँ जन्मदिन

नवादा : जिले के रजौली प्रखंड मुख्यालय क्षेत्र के हाट चौक स्थित…

By Swatva
Show More
- Advertisement -

About us

पत्रकारों द्वारा प्रामाणिक पत्रकारिता हमारा लक्ष्य | लोकचेतना जागरण से लोकसत्ता के सामर्थ्य को स्थापित करना हमारा ध्येय | सूचना के साथ, ज्ञान के लिए, गरिमा से युक्त |

Contact us: [email protected]

Facebook Twitter Youtube Whatsapp
Company
  • About us
  • Feedback
  • Advertisement
  • Contact us
More Info
  • Editorial Policy
  • Grievance Report
  • Privacy Policy
  • Terms of use

Sign Up For Free

Subscribe to our newsletter and don't miss out on our programs, webinars and trainings.

[mc4wp_form]

©. 2020-2024. Swatva Samachar. All Rights Reserved.

Website Designed by Cotlas.

adbanner
AdBlock Detected
Our site is an advertising supported site. Please whitelist to support our site.
Okay, I'll Whitelist
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?