गुजारत के सूरत में पुलिस ने एक मौलाना को गिरफ्तार किया है। इसके बाद उससे हुई पूछताछ और उसमें हुए खुलासे ने देशभर की तमाम सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिये। मौलवी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के इशारे पर भारत में खून—खराबे के एजेंडे पर काम कर रहा था। उसके टार्गेट पर भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा, एक बीजेपी विधायक, एक टीवी चैनल के हेड समेत कई हिंदूवादी नेता थे। इसके लिए उसे आईएसआई ने ब्लू प्रिंट दिया जिसपर अमल करते हुए वह स्लीपर सेल को एक्टिव करने में जुटा था।
एक चैनल हेड-हिंदू नेता भी टार्गेट
गिरफ्तार मौलाना की पहचान 27 वर्षीय मौलवी सोहेल अबुबक्र तिमोल के रूप में हुई है। पुलिस जांच में पता चला कि वह एक मदरसे में पढ़ाता है। इससे पहले भी आरोपी मौलवी को संदेह के आधार पर पकड़ा गया था। लेकिन तब ठोस सबूत न होने पर उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी पिछले 2 साल से पाकिस्तान के डोंगर नाम के शख्स और नेपाल के सहनाज नाम के शख्स के संपर्क में था। पाकिस्तान और नेपाल के दोनों आरोपियों ने आरोपी मौलवी को उकसाया था कि भारत में हिंदू संगठनों द्वारा पैगंबर को लगातार बदनाम किया जा रहा है।
पाकिस्तान और नेपाल से कनेक्शन
सूरत के पुलिस आयुक्त अनुपम सिंह गहलोत ने बताया कि आरोपी को एक हिंदू संगठन के नेता को मारने के लिए पाकिस्तान और नेपाल के लोगों के साथ एक करोड़ रुपये की सुपारी देने और पाकिस्तान से हथियार खरीदने की साजिश रचते पाया गया। सूरत सिटी क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति की हरकत देश विरोधी है और इसलिए उस पर नजर रखी जा रही है। उसे सूरत के चौक बाजार इलाके से हिरासत में लिया गया और उसके मोबाइल की जांच की गई। पता चला कि वह पाकिस्तान और नेपाल के लोगों से बातचीत कर रहा था। उनकी योजना पहले एक हिंदू संगठन के नेता को निशाना बनाने की थी। आरोपी को पाकिस्तान और नेपाल के उसके आकाओं द्वारा लाओस में एक सिम कार्ड भी उपलब्ध कराया गया था।