जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पहली बार अपनी पार्टी के महिला सम्मेलन में बिहार के लोगों को अपनी पत्नी जाह्नवी से मिलवाया। आगामी विधानसभा चुनाव में पीके अपनी पार्टी को चुनाव में उतारने वाले हैं। इसके लिए वे लगातार बिहार के कोने—कोने तक यात्रा कर रहे हैं। इसी सबके बीच उन्होंने अपनी पार्टी के महिला सम्मेलन में पत्नी जाह्नवी को इंट्रोड्यूस किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें अपने काम की जो उर्जा मिलती है, उसके पीछे उनकी पत्नी का ही हाथ है। आइए जानते हैं जाह्नवी दास के बारे में कि कैसे वे प्रशांत किशोर की जिंदगी में आईं।
प्रशांत किशोर जहां सासाराम के रहने वाले हैं, वहीं जाह्नवी असम की रहने वाली हैं। प्रशांत किशोर का पूरा नाम प्रशांत किशोर पांडे है। चुनावी रणनीतिकार बनने और फिर राजनीति में आने से पहले प्रशांत किशोर ने संयुक्त राष्ट्र के सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में 8 साल तक काम किया। जाह्नवी दास से भी वे वहीं मिले थे। उसी दौरान दोनों के बीच प्यार पनपा और बाद में उन्होंने शादी कर ली। दोनों को एक बेटा भी है।
इसके बाद प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के रूप में भारतीय राजनीति का रुख किया। यहां सबसे पहले बीजेपी के लिए, फिर जेडीयू—कांग्रेस, AAP, YSRCP, DMK और टीएमसी जैसे दलों को अपनी सेवाएं दीं। पीके को चुनावी रणनीतिकार के रूप में असल पहचान तब मिली जब उन्होंने 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव और फिर 2014 में संसदीय चुनाव में भाजपा की जीत में भूमिका निभाई। इसी के बाद उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल गई।
प्रशांत किशोर की पत्नी जाह्नवी दास पेशे से एक डॉक्टर हैं। पीके से उनकी मुलाकात भी संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य कार्यक्रम के दौरान हुई थी। जाह्नवी अब तक पीके की राजनीतिक गतिविधियों से दूर रही हैं। लेकिन अब उनके पति ने पहली बार उन्हें राजनीतिक मंच पर पेश किया है। इसके पीछे भी प्रशांत किशोर की सोची समझी रणनीति हो सकती है। पीके अब अपनी पार्टी ‘जन सुराज’ के साथ बिहार विधानसभा चुनाव में उतरने वाले हैं। ऐसे में जाहृनवी का सामने लाना प्रशांत किशोर जैसी चुनावी समझ रखने वाले शख्स का सामान्य कदम तो नहीं ही होगा।