जनसुराज नेता प्रशांत किशोर ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की कि वे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को बर्खास्त कर उन्हें मर्डर केस में गिरफ्तार करें। उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी को भी वे एक पत्र लिखेंगे और उनसे मांग करेंगे की या तो सम्राट चौधरी को जेल में डालिए या जितने भी हत्या के आरोप में जेल में बंद लोग हैं, उन सबको रिहा कर दिया जाए। जन सुराज पार्टी के सुप्रीमो प्रशांत किशोर ने भाजपा सम्राट चौधरी पर 1994 में हुए तारापुर सामूहिक मर्डर में शामिल होने का आरोप लगा। पीके ने यह भी दावा किया कि तब सम्राट चौधरी 26 साल के थे।
प्रशांत किशोर ने कहा कि 1994 में तारापुर में कुशवाहा समाज के 7 लोगों की हत्या हुई थी और इसमें सम्राट चौधरी अभियुक्त थे। 1995 में नाबालिग होने के नाम पर इन्हें कोर्ट ने राहत दे दी थी। लेकिन उन्होंने उस समय फर्जी दस्तावेज दिए थे। 2020 में सम्राट चौधरी ने एफिडेविट में अपनी उम्र 51 साल बताई है। पीके ने आगे कहा कि इस हिसाब से 1994 में उनकी उम्र 26 साल होनी चाहिए। उनके दिए गए आंकड़े खुद बता रहे है कि सम्राट चौधरी 1994 में हुई घटना के वक्त नाबालिग नहीं थे। वे उस समय फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर जेल से बाहर निकले थे। जिस व्यक्ति को जेल में होना चाहिए वो उपमुख्यमंत्री की कुर्सी पर कैसे बैठा है?
राजधानी पटना में बजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी पर ये गंभीर आरोप लगाए और मुख्यंमंत्री, राज्यपाल तथा केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि इन पर हत्या का आरोप है। इन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाए। वह इस मामले में कल पीएम को लेटर भी लिखेंगे और उनसे मांग करेंगे की या तो सम्राट चौधरी को जेल में डाला जाए या जितने भी इस हत्या के आरोप में जेल में बंद है उनको रिहा किया जाए। उन्होंने सम्राट चौधरी की बर्खास्तगी नहीं होने पर उनके खिलाफ कोर्ट जाने की बात भी कही। इसके अलावा प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी को पटना में लालू राज के दौरान हुए शिल्पी–गौतम हत्याकांड में भी लपेटा और कहा कि डिप्टी सीएम खुद बताएं कि वे इस मामले में संदिग्ध अभियुक्त थे या नहीं? क्या सीबीआई ने संदिग्ध के तौर पर सम्राट चौधरी की जांच की थी या नहीं?