पटना में बहुप्रचारित बदलाव रैली में उम्मीद से कम भीड़ आने से प्रशांत किशोर काफी भड़के हुए हैं। इसके लिए पीके ने नीतीश सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि आज इन्होंने जो पाप किया है, इसका हिसाब आपके गांव, पंचायत और प्रखंड में इनसे लेंगे। प्रशांत किशोर ने रैली की असफलता का ठीकरा पुलिस प्रशासन पर फोड़ते हुए कहा कि प्रशासन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि रैली के दिन गांधी मैदान में भीड़ नहीं पहुंचने के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से तरह-तरह की रुकावटें डाली गई। इसबीच एनडीए और महागठबंधन दोनों ने प्रशांत किशोर की रैली को पूरी तरह फ्लॉप करार देते हुए कहा कि इनकी हैसियत अब वोटकटवा की भी नहीं रह गई है।
प्रशांत किशोर ने रैली में कम भीड़ पर कहा कि लाखों की संख्या में उनके लोगों को प्रशासन ने पटना में घुसने नहीं दिया। हजारों गाड़ियां को पटना के बाहरी इलाकों में कृत्रिम जाम की स्थिति बनाकर फंसाए रखा गया। इसपर भाजपा सांसद डॉ संजय जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा कि क्या प्रशांत किशोर इन्हीं जाम में फंसी गाड़ियों के भरोसे यह कह रहे थे कि चार लाख की रैली होगी। उन्होंने कहा कि बिहार में कहीं भी कोई राजनीतिक दल की रैली होती है तो जाहिर बात है 10 फीसदी गाड़ियां रास्ते में फंसी रह जाती हैं। प्रशांत किशोर ने रैली के दौरान नीतीश पर हमला करते हुए कहा भी कि प्रशासन की मदद से हमलोगों को रोकने का प्रयास किया गया है। 2015 में अगर नीतीश कुमार की अगर मैंने मदद नहीं की होती तो संन्यास लेकर कहीं बैठे होते। आज बहुत बड़ा होशियार बन रहे हैं। पीके ने कहा कि— गांव में कहावत है जो शादी कराता है वही श्राद्ध भी कराता है। अब नीतीश कुमार का राजनीतिक श्राद्ध जन सुराज के लोग करेंगे।
उधर राजद ने प्रशांत किशोर की रैली के दावों पर कहा कि पैसे का लालच देकर राजद के लोगों को बुलाया गया था। लेकिन जनता ने बता दिया कि अब उनकी हैसियत वोटकटवा की भी नहीं रह गई है। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बीजेपी की बी टीम बनकर घूम रहे थे। अब खाली कुर्सियों को देखकर समझ गए होंगे कि जनता को पीआर एजेंसी और मैनेजमेंट वाला नेता नहीं चाहिए। इसबीच पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी प्रशांत किशोर को आड़े हाथ लेते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि—अहंकार और सिर्फ काले धन के व्यापार से बिहार में राजनीति नहीं हो सकती है। हमारे प्रदेश की महान जनता ने यह पुनः सिद्ध कर दिया.गांधी मैदान इसका गवाह बना।