BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को जमानत मिल गई, लेकिन उन्होंने शर्तों के साथ दी गई इस बेल का मानने से इनकार कर दिया है और वह पीआर बॉन्ड भरने को तैयार नहीं है। पटना सिविल कोर्ट ने प्रशांत किशोर को सशर्त जमानत दी है। जमानत की शर्तों के तहत वे भविष्य में किसी भी तरह के धरना या प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकते। ऐसे में प्रशांत किशोर का जेल जाना तय है और उन्होंने ऐलान किया है कि वे जेल में ही अपना आमरण अनशन जारी रखेंगे। फिलहाल पीके अभी सिविल कोर्ट में ही मौजूद हैं।
प्रशांत किशोर के वकील शिवानंद गिरि ने बताया कि कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी है। जमानत की शर्त यह है कि प्रशांत किशोर भविष्य में किसी भी तरह से कोई भी धरना प्रदर्शन या सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट नहीं करेंगे। या फिर विधि व्यवस्था की समस्या पैदा नहीं करेंगे। लेकिन इन शर्तों के साथ कोर्ट से मिली ऐसी जमानत को लेने के लिए प्रशांत किशोर तैयार नहीं है। वह अभी भी कोर्ट में बैठे हुए हैं। वकीलों की तरफ से उन्हें समझाया जा रहा है कि अगर प्रशांत किशोर कंडीशनल बेल बॉन्ड नहीं भरते हैं तो उन्हें जेल जाना होगा। प्रशांत किशोर को शर्तों के साथ 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आज तड़के 4 बजे पटना पुलिस ने गांधी मैदान से उस वक्त गिरफ्तार किया जब वह आमरण अनशन पर बैठे थे। पीके पिछले 5 दिनों से बीपीएससी अभ्यर्थियों के साथ अनशन कर रहे थे। इधर कोर्ट रूम में मौजूद प्रशांत किशोर ने ऐलान किया है कि जेल में भी उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। उन्होंने अपनी टीम के साथियों से कहा है कि युवाओं के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ अगर आवाज उठाना गुनाह है तो जेल जाना मंजूर है। प्रशांत किशोर नॉन कंडीशनल जमानत चाहते हैं। खबर यह भी है कि रिहाई के बाद वह दोबारा से अनशन पर बैठ सकते हैं। वहीं सीनियर एडवोकेट वाईवी गिरी प्रशांत किशोर को बेल बान्ड भरने के लिए समझा रहे हैं। जबकि महिला जज का कहना है कि वह अपने जजमेंट का कंडीशन नहीं चेंज करेंगी।