राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के बिहार चीफ महबूब आलम नदवी को किशनगंज में लोकल पुलिस के सहयोग से दबोच लिया। महबूब आलम नदवी मूलरूप से कटिहार जिले का रहने वाला है। पटना के फुलवारी शरीफ में आतंकी ट्रेनिंग कैंप का खुलासा होने के बाद वह आईएसआईएस के गढ़ ओमान भाग गया था। इसी साल वह भारत लौटा और किशनगंज में स्कूल टीचर बनकर वहां छिपकर रह रहा था। इसकी भनक केंद्रीय जांच एजेंसी को लगी जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
जानकारी के अनुसार 39 वर्षीय महबूब आलम नदवी कटिहार जिले के हसनगंज का निवासी है। वह जामिया मिलिया इस्लामिया का पूर्व छात्र है और 2016-17 में बिहार PFI का अध्यक्ष मुकर्रर हुआ था। पुलिस के मुताबिक, नदवी ओमान से लौटने के बाद पहचान छिपाकर बिहार के किशनगंज स्थित एक निजी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम कर रहा था। उसे वहीं से पकड़ा गया। NIA ने यह गिरफ्तारी फुलवारीशरीफ PFI केस के सिलसिले में की है, जो 2022 में दर्ज किया गया था। NIA की जांच में यह पता चला कि PFI के सदस्य आतंकी गतिविधियों में शामिल थे। वे पटना के निकट फुलवारीशरीफ में हथियारों का प्रशिक्षण दे रहे थे और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश रच रहे थे।
इस मामले में नदवी के खिलाफ पहले ही NIA कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल की जा चुकी है। NIA को संदेह है कि नदवी प्रतिबंधित संगठन PFI की गुप्त गतिविधियों में सक्रिय था और युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा की ओर प्रेरित कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद NIA की टीम नदवी से पूछताछ कर रही है और किशनगंज व आसपास के इलाकों में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। इस मामले में 26 लोगों को नामजद किया गया था जिनमें से 22 अभी भी फरार हैं। NIA सूत्रों के अनुसार भारत से फरार होने के बाद PFI सरगना महबूब आलम नदवी ओमान स्थित आतंकी संगठन बोकोहरम के गढ़ में 2 साल तक रहा। इसी वर्ष मार्च माह में वह भारत वापस लौटा और किशनगंज के माहिउद्दीनपुर में उसने अपना नया ठिकाना बना लिया था।