पटना : पटना पुस्तक मेले में चल रहे सिनेमा-उनेमा फिल्मोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को फिल्म मर्मज्ञ व बिहार के मुख्य सूचना आयुक्त त्रिपुरारी शरण को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम का विशेष संवाद हुआ। प्रशांत रंजन ने उनसे बातचीत की। विषय था— ‘बिहार का भाषायी सिनेमा’। उन्होंने कहा कि बिहार की बोलियों या भाषाओं में जो फिल्में बन रही हैं, वे बिहार की कहानी नहीं कहतीं। मराठी, मलयाली या असमिया सिनेमा के विपरीत भोजपुरी फिल्मों में भोजपुयिा समाज नहीं दिखता है। दूसरी बात कि भोजपुरी फिल्में एक सामित दर्शक वर्ग के लिए ही बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार के भाषायी सिनेमा के कमजोर होने के पीछे कारण है कि हमारा अपनी ही भाषा के प्रति आग्रह नहीं है। अपने परिवार के सदस्यों के बीच भी आज की युवा पीढ़ी अंगिका, मगही या बज्जिका नहीं बोलती, ऐसे में इन भाषाओं में बनने वाली अच्छी फिल्मों की अपेक्षा रखना बेइमानी है। पहले हम अपनी भाषा को सम्मान दें, तभी यहां का सिनेमा विकसित हो सकेगा।
इससे पूर्व सीआरडी के अध्यक्ष रत्नेश्वर ने कार्यक्रम के प्रथम दर्शक सह मुख्य अतिथि जियो के बिहार प्रमुख अभय सिंह, मुख्य वक्ता विनोद अनुपम एवं त्रिपुरारी शरण को प्रतीक चिह्न, पौधा आदि देकर सम्मानित किया। मंच संचालन रंगकर्मी कुमार रविकांत ने किया। इस अवसर पर वरीय रंगकर्मी सुमन कुमार, नीलेश्वर मिश्र, यामिनी शर्मा, रमेश सिंह, फिल्मकार आरबी सिंह, डॉ. कुमार विमलेंदु सिंह, अविनाश गौतम समेत जनसंचार के विद्यार्थी एवं सिने प्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।