भोजपुरी सिनेमा के पॉवर स्टार और बीजेपी के नेता पवन सिंह ने आज ऐलान कर दिया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके साथ ही उन अटकलों को भी पूरी तरह खारिज कर दिया जिसमें उनके आरा सीट से बीजेपी टिकट पर चुनावी मैदान में उतरने की बात कही जा रही थी। इसके साथ ही पवन सिंह ने यह भी साफ कर दिया कि वे बिहार विधानसभा चुनाव से एकदम गायब नहीं होंगे, बल्कि अपनी पार्टी बीजेपी के लिए जमकर चुनावी प्रचार का मोरचा संभालेंगे और पार्टी को मजबूत करेंगे। हाल ही में बीजेपी में दोबारा शामिल हुए पवन सिंह के बारे में उम्मीद जा रही थी कि वो इसबार चुनाव जरूर लड़ेंगे। लेकिन अब इन अटकलों पर उन्होंने खुद फुल स्टॉप विराम लगा दिया।
दरअसल, आज शनिवार को पवन सिंह ने एक सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए यह ऐलान किया। अपने पोस्ट में पवन सिंह ने कहा—’मैं पवन सिंह अपने भोजपुरीया समाज को बताना चाहता हूं कि मैंने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भाजपा ज्वाइन नहीं की थी। और ना ही मुझे चुनाव लड़ना है। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और हमेशा रहूंगा’। पवन सिंह के इस संक्षिप्त पोस्ट में उनके चुनाव नहीं लड़ने की बात से यह साफ होता है कि उनके निजी जीवन की समस्याओं का इसमें कहीं न कहीं रोल अवश्य है। अभी दो हफ्ते पहले ही पवन सिंह की बीजेपी में औपचारिक वापसी हुई थी। इस मौके पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े और रितुराज सिन्हा मौजूद थे। उपेंद्र कुशवाहा ने उन्हें सार्वजनिक रूप से आशीर्वाद दिया जिससे दोनों के बीच काराकाट चुनाव को लेकर 2024 का विवाद खत्म हो गया। दरअसल 2024 के लोकसभा चुनाव में वो कुशवाहा के खिलाफ मैदान में उतरे थे।
बीजेपी में वापसी के बाद पवन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वे प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘विकसित बिहार’ के विज़न पर काम करेंगे। अब पवन सिंह के बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा के बाद यह कहा जा रहा कि वे चुनावी सीन से पूरी तरह आउट नहीं होने वाले। बल्कि अब वे पूरी ताकत से पार्टी के लिए समूचे बिहार और खासकर शाहाबाद की सीटों पर चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाऐंगे। यह भी माना जा रहा कि पार्टी भी उन्हें अब राज्य सभा या विधान परिषद के माध्यम से टिकट देखर सियासी फ्रंट पर आगे लाने की प्लानिंग कर चुकी है। पवन सिंह भोजपुरी भाषी क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय हैं। ऐसे वे भाजपा के लिए रूट लेवल पर काफी प्रभावी हो सकते हैं।