औरंगाबाद : भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार और भोजपुरी गाने गाकर चर्चा में आए एक्टर पवन सिंह राजनीति में आने के लिए बेताब है। पवन सिंह बार-बार अपने बयान में यह कहते दिखाई देते है कि उनकी मां ने उन्हें काराकाट में चुनाव लड़ने के लिए भेजा है। पवन सिंह ने ये भी कह दिया है कि वो बैक होने वाले नहीं हैं। काराकाट उनका परिवार है और काराकाट का दुख-सुख उनका दुख-सुख है।
इन दिनों पवन सिंह अपने क्षेत्र में तमाम इलाकों का दौरा भी कर रहे हैं। उनकी सभा में सेल्फी लेने वालों की भीड़ ज्यादा रहती है क्योकि अभी उनकी पहचान एक नेता नहीं बल्कि अभिनेता की है। कुछ लोग पवन सिंह के लिए पॉजिटिव दिखाई दे रहे है तो कुछ का कहना है कि वो काराकाट से चुनाव जीतकर कुछ नहीं करेंगे। काराकाट की जनता भी कई तरह की बात कह रही है। युवा उनके पक्ष में हैं तो बुजुर्ग उन्हें पसंद भी नहीं कर रहे हैं।
हायर एजुकेटेड लेडी कैंडिडेट किरण प्रभाकर से सीधा टक्कर
अब दूसरी ओर दिग्गजों के मैदान में उतरने से बिहार की काराकाट संसदीय सीट हॉट सीट बन गयी है। इस सीट पर ऐसी ही एक हायर एजुकेटेड लेडी कैंडिडेट किरण प्रभाकर है, जो प्राइवेट कंपनियों से क्षेत्र में कैंप लगवा कर करीब दो हजार युवाओं को जॉब दिलाने से ‘नौकरी वाली दीदी’ के रूप में मशहूर हो गई है और अब वो भी इस क्षेत्र से ताल ठोकने के लिए तैयार है । प्रभाकर का कहना है कि उन्होंने अपना जीवन जनता को समर्पित कर दिया है। उनका उद्देश्य जनता की सेवा समर्पण भाव से करते हुए क्षेत्र को समृद्धि की ओर ले जाना है।
उपेंद्र कुशवाहा खुद ही प्रभावशाली कैंडिडेट हैं
बात काराकाट की करे तो स्थानीय लोगों का कहना है कि उपेंद्र कुशवाहा खुद ही प्रभावशाली कैंडिडेट हैं और उनकी पकड़ इलाके में मजबूत है। अब एक ओर है पवन सिंह दूसरी ओर हैं किरण प्रभाकर यानी कि अब सबसे बड़ा चैलेंज पवन सिंह को मिलने वाला है। बात पवन सिंह की करे तो वो अभी लोगों को यकीन दिलाने में लगे है तो दूसरी ओर किरण प्रभाकर भी स्मार्ट महिला हैं और साथ हीं युवाओं के लिए काम करके दिखा चुकी हैं और उनके पास एक विजन भी है।
किरण प्रभाकर की छवि के वजह से लोग उन्हें सपोर्ट करेंगे और इसका सीधा असर पवन सिंह पर पड़ेगा। पवन सिंह की प्लानिंग पूरी तरह फेल हो सकती है,अगर कुछ प्रतिशत युवाओं का वोट किरण प्रभाकर को मिल जाता है तो पवन सिंह का सपना टूट जाएगा। क्योंकि किरण प्रभाकर युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
उन्हें नौकरी वाली दीदी के नाम से जाना जाता है। ऐसा नहीं है कि उनको हल्के में लिया जा सकता है। पवन सिंह के सामने किरण प्रभाकर पूरी तरह चट्टान की तरह हैं। किरण प्रभाकर का विजन पूरी तरह क्लियर है। पवन सिंह सिर्फ पॉपुलैरिटी के आधार पर आगे बढ़ना चाहते हैं।अब देखना ये होगा कि काराकाट सीट का पारिणाम क्या होता है और यहां पर जनता का असल प्यार किसको मिलता है।