Patna : लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर दो चरण का मतदान हो चूका है। कुल सात चरणों में मतदान होना है। इसी को लेकर पक्ष-विपक्ष एक दूसरे पर जुबानी हमला करते हुए व्यंग्यात्मक तंज भी करते हुए दिखाई दे रहे है साथ हीं जनता को लुभावने वादे दे कर मोहित भी कर रहे हैं। पूरे देश में दो ही गुट है जो खूब सुर्खियां बटोर रही है। एक है राजग और दूसरा इंडि गठबंधन। अगर दोनों गुटों में शामिल पार्टियों की बात करें, तो दोनों गुटों में शामिल घटक दल अपने-अपने सिपाही को उतार रहे हैं। छक्। जहां अपने पुराने साथी पर भरोसा जता रहा है, वहीं महागठबंधन मानो विपक्ष धर्म को निभाने के लिए नए प्रयोग कर रहा है। क्या महागठबंधन का असली लक्ष्य 2025 का विधानसभा चुनाव है? चर्चा तो यही है।
महागठबंधन का लालू परिवार पर दांव, एनडीए को पुराने साथी पर भरोसा
अगर बिहार में महागठबंधन की बात करते हैं तो उनके द्वारा नए चेहरे उतारे जा रहे हैं, तो वहीं एनडीए ज्यादातर पुराने साथी पर ही भरोसा जता रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में हुए सीट वितरण में सबसे ज्यादा सीट राजद के खाते में है और लालू परिवार से लालू यादव की दोनों लाडली बेटियां मैदान में हैं। मीसा भारती को पाटलिपुत्र से रामकृपाल यादव के विरुद्ध तो वहीं, सारण से राजद सुप्रीमो लालू यादव को किडनी देकर चर्चा में आईं उनकी बेटी रोहिणी आचार्या को भाजपा राजीव प्रताप रूडी के विरुद्ध मैदान में उतारा गया है। राजद के इन प्रत्याशियों की जमीनी स्तर पर अपनी कोई पहचान नहीं है। ये लोग सिर्फ लालू यादव के नाम का आईकार्ड लेकर मैदान में हैं।
पूर्णिया में पप्पू ने बिगाड़ा खेल
बिहार में पूर्णिया सीट पर दूसरे चरण में मतदान था। लेकिन, इस सीट को लेकर भी काफी घमासान हुआ। यहाँ से टिकट पाने की लालसा लिए राजद के काफी पुराने साथी पप्पू यादव ने कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय करते हुए महागठबंधन में शामिल हो गए। इसको बावजूद पप्पू यादव को टिकट नहीं देते हुए जदयू से राजद में आईं बीमा भारती को महागठबंधन से उतारा गया। इसके बाद पप्पू यादव ने नाराज होकर पार्टी गाइडलाइन से बाहर जाकर पूर्णिया सीट के लिए निर्दलीय पर्चा भरा। हालांकि, स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि अगर महागठबंधन की तरफ से पप्पू यादव को उतारा जाता, तो कुछ उम्मीद बन सकती थी। लेकिन, पप्पू यादव को निर्दलीय मैदान में आ जाने के बाद से मामला कुछ ज्यादा उलझ गया। यहाँ भी एनडीए ने अपने पुराने साथी संतोष कुशवाहा पर भरोसा जताते हुए मैदान उतारा।
राजद प्रत्याशी का चुनावी ब्याह
मुंगेर की बात करें, तो वहां राजद की तरफ से कई अपराधी मामलों में नामित अपराधी अशोक महतो की शादी करवाकर उनकी नई नवेली दुल्हन अनीता कुमारी को नीतीश कुमार के विश्वसनीय साथी ललन सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा गया है। ललन सिंह का मुंगेर से काफी गहरा नाता रहा है और वे वहां से सीटिंग सांसद भी हैं। वहीं, जमुई से महागठबंधन की ओर से नए चेहरे अर्चना कुमारी को चिराग पासवान के जीजा अरुण भारती के खिलाफ मैदान में उतारा गया है। चिराग पासवान जमुई से दो बार सांसद भी रह चुके हैं। तो इनकी पकड़ के साथ ही पीएम मोदी जी के नाम का ब्रांड ज्यादा कारगर साबित होने वाला है।
हार के बाद दूसरी बार कोंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने खेला दांव
भाजपा के सीटिंग सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के खिलाफ महाराजगंज सीट से बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने अपने बेटे आकाश सिंह को मैदान में उतारा है। 2019 में भी आकाश सिंह को रालोसपा के टिकट पर मोतिहारी से मैदान में उतारा गया था। लेकिन, उनकी हार हुई थी। साथ ही राजद से नाराज आरजेडी के बाहुबली नेता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह ने भी महाराजगंज से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। तो यहाँ से भी ये सीट त्रिकोणीय होने की संभावना है, इसलिए एनडीए को खुद के लिए ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता नहीं होगी।
CPI-M को भी नए चेहरा पर भरोसा
वहीं ,अगर महागठबंधन से केवल एक सीट पाने वाले CPI-M की बाते करें तो उनके हिस्से में नालंदा सीट गया है। जिसपर पालीगंज से विधायक संदीप सौरभ को पिछले कई बरसों से जीते सीएम नीतीश कुमार के विश्वासी सिपाही कौशलेन्द्र कुमार के खिलाफ उतारा गया है। अगर संदीप सौरभ की बात करें तो ऐसा लग रहा है कि संदीप को नालंदा से सिर्फ विपक्ष धर्म निभाने के लिए महागठबंधन के तरफ से उम्मीदवार बनाया गया है। क्योंकि, संदीप सौरभ का नालंदा में जमीनी पकड़ शून्य है।
राजद के कई पुराने साथी नाराज होकर मैदान में उतरे
वहीँ अगर इनके अन्य सीटों के उम्मीदवार के बारे में भी बात करें तो नवादा में राजबल्लभ यादव के भाई विनोद यादव ने त्श्रक् के खिलाफ अपनी उम्मीदवारी पेश कर पार्टी को संकट में डाल दिया। झंझारपुर सीट से टिकट नहीं मिलने पर त्श्रक् के नेता गुलाब यादव ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। महाराजगंज से टिकट की उम्मीद पाले त्श्रक् के बाहुबली नेता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह ने भी महाराजगंज से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। हिना शहाब भी सिवान से आरजेडी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं। विनोद यादव, गुलाब यादव, हिना शहाब और रणधीर सिंह ने राजद पर आरोप लगाते हुए राजद उन्हें धोखा दिया है इसलिए वे लोग मैदान में आ रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों के मत में
इन सभी मुद्दों के मद्दे नजर राजनीतिक जानकारों का यह भी कहना है कि बिहार में महागठबंधन को इस चुनाव में ज्यादा रूचि नहीं है। उनको आगामी 2025 विधानसभा चुनाव के मद्दे नजर तैयारियाँ कर रही है। इसलिए महागठबंधन के द्वारा किसी भी को इस लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाकर सिर्फ विपक्षी धर्म को अदा कर रही है। ऐसा कहना इसलिए भी उचित हो सकता है, क्यूंकि बिहार में राजद एक क्षेत्रीय पार्टी होने के बावजूद भी सबसे ज्यादा लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार को उतारी है। वही, राजद के कई पुराने साथी नाराज भी है। इसका एक मतलब यह भी हो सकता है कि तेजस्वी यादव अपने पिताजी के पुराने साथी को किनारा कर के अपना नया दोस्त बना रहे है। ताकि उनको मुख्यमंत्री बनने में आसानी हो सके और पुराने जंगल राज का दाग भी मिट सके। इसी कारण से तेजस्वी यादव हेलीकाप्टर से उड़ उड़कर वोट भी मांग रहे हैं।