पटना, 24 अगस्त। समग्र संस्कृत विकास समिति द्वारा आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह में संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति के महत्व पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता देव नारायण झा एवं विशिष्ट अतिथि विधायक नवल किशोर यादव और राजेश कुमार सिंह उर्फ ललन सिंह सहित कई विद्वानों ने भाग लिया।
विधायक नवल किशोर यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “भाषाओं को बनाने में बरसों लगते हैं, लेकिन हमलोग अपनी भाषा संस्कृति और सब भाषाओं की नींव संस्कृत को वैल्यू नहीं दे रहे। आज भी लोग अपनी भाषा और संस्कृति को छोड़कर अंग्रेजों की नकल करने में लगे हुए हैं। भारत और बिहार को विकसित बनाने के लिए हमें अपनी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा के साथ संस्कृत को वैल्यू और प्राथमिकता देनी होगी।”
वहीं, विशिष्ट अतिथि राजेश कुमार सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंच से संस्कृत और संस्कृति के घटते महत्व को लेकर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “आज माता-पिता की चाहत होती है कि अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाएं, लेकिन यह प्रवृत्ति समाज के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही है। जब बच्चा विद्यालय में प्रवेश करता है तो गेट पर लगे ‘फादर’ और कक्षा के भीतर के ‘फादर’ से उसका जबरन परिचय कराया जाता है। जो हमारी संस्कृति और परंपरा के लिए खतरे की घंटी है।”
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने भी संस्कृत के संरक्षण और प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने के लिए संस्कृत को जीवन में अपनाना अनिवार्य है।