पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को बिहार सरकार ने 7 दिनों के अंदर राजधानी पटना स्थित कार्यालय को खाली करने का आदेश दिया है। इसके लिए भवन निर्माण विभाग ने सात दिनों का समय देते हुए उनको एक लेटर जारी किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि अगर सात दिनों में पार्टी कार्यालय वाला सरकारी भवन खाली नहीं किया गया तो फिर सरकार बलपूर्वक कार्यालय को खाली कराएगी। इस संबंध में एक नोटिस भी भवन निर्माण विभाग की ओर से लोजपा कार्यालय के गेट पर चिपकाया गया है जिसे किसी ने फाड़ दिया है।
7 दिन का मिला समय जिसमें से बीत गए 3 दिन
बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव सह सक्षम प्राधिकार संजय कुमार सिंह की ओर से आदेश जारी करने के बाद तीन दिन बीत भी चुके हैं क्योंकि यह आदेश पत्र 22 अक्टूबर को ही जारी किया गया था। लेकिन इसपर आज 25 अक्टूबर का दिन भी बीत रहा है, और पशुपति पारस की पार्टी लोजपा की तरफ से कार्यालय खाली करने की कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही। भवन निर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर ने बताया कि कार्यालय खाली करने के लिए पहले भी नोटिस दिया गया था। लेकिन इसके बावजूद पार्टी की ओर से कार्यालय खाली नहीं किया गया। अभी इश्तिहार भी चिपकाए गए हैं जिसे फाड़ दिया गया है।
क्या लिखा है भवन निर्माण विभाग द्वारा जारी पत्र में
विभाग के सचिव और भू संपदा पदाधिकारी ने लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम से जो पत्र जारी किया है उसमें लिखा है कि विभागीय एक्ट 1956 की धारा (4) K में प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रीय लोजपा अध्यक्ष को निर्देश दिया जाता है कि आदेश की कॉपी मिलने के 7 दिनों के अंदर आवास संख्या 1 व्हीलर रोड, शहीद पीर अली खान मार्ग, पटना को खाली कर दीजिए। अगर तय वक्त के अंदर उक्त आवास को खाली नहीं किया गया तो पार्टी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
चिराग की पार्टी लोजपा आर को अलॉट हुआ है यह भवन
विदित हो कि भवन निर्माण विभाग की ओर से 4 माह पूर्व ही 13 जून 2024 को राष्ट्रीय लोजपा को पार्टी का पटना स्थित प्रदेश कार्यालय खाली करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन जब पार्टी ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की तब राज्य सरकार ने फिर से एक नया आदेश जारी किया और यह सरकारी बंगला चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को अलॉट कर दिया। लेकिन इस आदेश के जारी होने के बाद भी पशुपति पारस ने अपनी पार्टी के कार्यालय वाला आवास खाली नहीं किया। अब उनसे यह कार्यालय बलपूर्वक खाली कराने का अल्टीमेटम सरकार ने दिया है।