इंडी गठबंधन के दलों में परिवारवाद पर बवाल :-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगातार परिवारवाद पर हमले का असर इंडी गठबंधन के दलों व राजग के सहयोगी दलों में भी अब दिखने लगा है। समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर अपने बेटे-बेटियों को पार्टी का टिकट दे देने का विरोध अब मुखरित होने लगा है। भविष्य में यह विरोध और मुखर हो सकता है।
बिहार में इंडी गठबंधन की सबसे शक्तिशाली पार्टी राजद में इसको लेकर विरोध की चिंगारी सुलगने लगी है। राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने अपनी दो बेटियों को 2024 के इस लोकसभा चुनाव में पार्टी का टिकट दे दिया है। पाटलिपुत्र से उन्होंने अपनी बड़ी पुत्री डा.मीसा भारती को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। वहीं सारण लोकसभा क्षेत्र से उन्होंने अपनी दूसरी बेटी रोहिणी आचार्य को राजद का उम्मेदवार बनाया है। कुछ दिनों पूर्व सारण के मढौरा में एक समारोह में राजद के एक युवा नेता का दर्द सतह पर आ गया। बातचीत के क्रम में वे इतने उत्तेजित हो गए कि अपनी पार्टी के सर्वोच्च नेता लालू प्रसाद पर ही हमलावर हो गए। उन्होंने कहा कि विदेश में रहने वाली अपनी बेटी को उन्होंने किस आधार पर सीधे एमपी का टिकट थमा दिया। कई सालों से जनता के बीच खून-पसीना बहायें हम और विदेश में रहने वाली मेंम साहेब को थमा दिया गया टिकट। बेचारे नेताजी अपना भड़ास निकाल रहे थे, तभी किसी ने चुपके से उनका विडियो बना लिया और राजा के परिवार तक पहुंचा दिया। इसी प्रकार पाटलिपुत्र से राजद की प्रत्याशी मीसा भारती के विरोध में भी कार्यकर्ताओं में अंडर करेंट दौड़ रहा है। झंडा बैनर राजद का और प्रचार हो रहा भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव का।
राजद से अपनी राजनीति शुरू कर वर्तमान में कांग्रेस के बिहार प्रदेश के अध्यक्ष पद पर आसीन अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी कटिन परिश्रम करके अपने पुत्र आकाश प्रसाद सिंह को महाराजगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट तो दिला दिया लेकिन वहां उन्हें कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। जातीय समीकरण बैठाकर चुनाव जीतने के उनके सारे प्रसास बेकार हो सकते हैं क्योंकि वहां परिवारवाद के साथ ही बाहरी प्रत्याशी के विरोध का वातावरण तैयार हो गया है। इतना ही नहीं एनडीए के घटक दल रालोजपा मंे भी पार्टी के कार्यकर्ताओं व नेताओं ने परिवारवाद के नाम पर समर्पित कार्यकर्ताओं की बलि चढ़ाए जाने की बात शुरू कर दी है।