बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एनडीए का संयोजक बनाने की मांग उठी है। यह मांग जदयू के ही सांसद रामप्रीत मंडल द्वारा की गई है जिसमें उन्होंने कहा कि अभी नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए की सभी पांच पार्टियां काम कर रही हैं। एनडीए ने यह भी तय किया है कि आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। ऐसे में उन्हें एनडीए का संयोजक बनाए जाने से जनता में अच्छा संदेश जाएगा और गठबंधन को चुनाव में बड़ा लाभ हासिल होगा।
सांसद मंडल ने पीएम मोदी को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार चुनाव को देखते हुए एनडीए का एक संयोजक तय किया जाना चाहिए। एनडीए गठबंधन में जीतन मांझी, चिराग पासवान जैसे नेता हैं। गठबंधन के इन नेताओं की आपस में बात नहीं बन पाती है। ऐसे में एनडीए में समन्वय के लिए सब लोग मिल बैठकर एक संयोजक तय कर दें तो सबकुछ ठीकठाक चलेगा। संयोजक चाहे बिहार में बनाएं या दिल्ली में। हमारे नेता नीतीश कुमार अभी मौजूद हैं तो इस पद के लिए अगर उनका नाम तय हो जाए तो यह एनडीए के लिए बहुत ही अच्छा होगा।
हालांकि जदयू सांसद रामप्रीत मंडल के इस बयान पर जब भाजपा से प्रतिक्रिया पूछी गई तो कहा गया कि रामप्रीत मंडल ने जो कहा है वही तो हो रहा है। बिहार में सभी पांच राजनीतिक पार्टियां नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही बिहार में काम कर रही हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही आगामी चुनाव भी लड़ा जाना है। इसमें कहां कोई दो मत है। वहीं जब जदयू की तरफ से कहा गया कि पार्टी के अंदर नेता, कार्यकर्ता तमाम तरह के लोग होते हैं। सभी अपने नेता से प्यार स्नेह रखते हैं। पार्टी का हर कार्यकर्ता चाहते हैं कि उनके नेता को अच्छे से अच्छा पद मिले। रामप्रीत मंडल की यह निजी राय है। यह जेडीयू की डिमांड नहीं है।