बिहार की सियासत में एक ऐसे पूर्व IAS अधिकारी की धमाकेदार एंट्री होने वाली है जो न सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश का रिश्तेदार है, बल्कि उनकी जाति का और उनके ही गृह जिले नालंदा का रहने वाला है। ओडिसा कैडर के इस पूर्व IAS अधिकारी मनीष वर्मा की कल मंगलवार को जदयू में आधिकारिक इंट्री हो जाएगी। वैसे वे पिछले 9 वर्षों से वीआरएस लेकर पर्दे के पीछे से जदयू के लिए काफी काम करते रहे और इसीलिए उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बेहद करीबी बताया जाता है।
सियासी गलियारे से खबर है कि मनीष वर्मा को नीतीश कुमार जदयू में बड़ा पद देने वाले हैं। पार्टी उन्हें राज्यसभा भी भेज सकती है और उन्हें नीतीश अपना सियासी उत्तराधिकारी भी बना सकते हैं। मनीष कुमार अभी राज्य आपदा प्राधिकरण के सदस्य हैं। मनीष वर्मा बिहार के नालंदा के रहने वाले हैं। वे मुख्यमंत्री की कुर्मी जाति से ही आते हैं। वे मुख्यमंत्री के दूर के भी रिश्तेदार बताए जाते हैं।
एक चर्चा और हो रही है कि क्या मनीष वर्मा जदयू में कभी नीतीश के बेहद करीबी रहे पूर्व आईएएस आरसीपी सिंह वाली पोजिशन ले पायेंगे? इस पर वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर का कहना है कि आरसीपी सिंह और मनीष वर्मा में एक सबसे बड़ा अंतर यह है कि मनीष वर्मा पिछले 9 वर्षों से निस्वार्थ नीतीश और जदयू के लिए लगातार सक्रिय रहे हैं। उस पर वे मुख्यमंत्री के दूर के रिश्तेदार भी हैं। बहुत संभव है कि नीतीश कुमार मनीष वर्मा में अपना सियासी वारिस ढूंढ रहे हैं।
मनीष वर्मा 2000 बैच के ओडिसा कैडर के आइएएस अफसर रहे। 2015 में वे पांच वर्षों
की प्रतिनियुक्ति पर बिहार आये और यहां विभिन्न जिलों में डीएम रहे। इसी दौरान उन्हें मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में भी काम करने का मौका मिला। 23 मार्च 2018 को पांच साल पूरा हुआ तो उन्हें वापस ओडिसा भेजा जाने लगा। लेकिन मनीष वर्मा ने VRS लेकर नौकरी छोड़ दी। इसके बाद से ही वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पार्टी जदयू में सक्रिय हो गए।