बिहार सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए घरेलू उद्देश्यों और मोटर वाहनों के लिए उपयोग की जाने वाली सीएनजी और पीएनजी गैस पर मूल्य वर्धित कर (वैट) को 20 प्रतिशत से घटकार 12.5 प्रतिशत करने की घोषणा की है। सरकार ने विनिर्माण औद्योगिक इकाइयों द्वारा उपयोग की जाने वाली पीएनजी पर वैट को 20 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने की भी घोषणा की। यह निर्णय मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। ऐसे में संभावना है कि सरकार आगामी चुनाव को देखते हुए पेट्रोल—डीजल पर लगने वाले राज्यों के कर में भी कमी करे।
बिहार में था 20 प्रतिशत वैट
वर्तमान में राज्य में प्राकृतिक गैस पर 20 प्रतिशत की दर से वैट देय है। व्यापारिक एवं उद्योग संगठनों द्वारा अनुरोध किया गया था कि बिहार राज्य में प्राकृतिक गैस पर वैट की दर पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक है। सरकार ने विचार-विमर्श के बाद शहरी गैस वितरण प्रणाली के माध्यम से बेची जाने वाली प्राकृतिक गैस पर वैट दरें कम करने का निर्णय लिया। इस फैसले से अब न केवल घरेलू/वाणिज्यिक/औद्योगिक इकाइयों को सस्ती गैस मिलेगी, बल्कि पारंपरिक ईंधन से प्राकृतिक गैस में बदलने की प्रक्रिया को भी बढ़ावा मिलेगा।
पेट्रोल-डीजल पर सरकार का रुख
अब बात करें पेट्रोल—डीजल की तो अभी इसे जीएसटी के तहत नहीं लाया गया है। इससे पेट्रोल और डीजल पर केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी अलग—अलग टैक्स लगाती हैं। इस कारण आम लोगों को पेट्रोल और डीजल महंगा मिलता है। केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में कई बार राज्यों से पेट्रोल डीजल को भी जीएसटी में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन इसमें राज्यों की मंजूरी आवश्यक है। अगर पेट्रोल—डीजल भी जीएसटी के तहत आ जाएगा तो इसपर भी पूरे देश में एक समान और एक ही टैक्स लगेगा। इससे उपभोक्ताओं को अभी के मुकाबले 20 फीसदी सस्ता तेल मिलने लगेगा।