केंद्र और बिहार की डबल इंजन सरकार ने राज्य के 13 जिलों के लिए डबल खुशी वाले प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नीति आयोग से बिहार को बड़ा तोहफा मिला है।. बिहार सरकार की तरफ से गए सभी प्रस्तावों को नीति आयोग ने मंजूरी दे दी है। बिहार का प्रत्येक प्रस्ताव नीति आयोग को पसंद आया है। इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के बाद अब बिहार के 13 पिछड़े जिलों की सूरत बदलने वाली है। योजना एवं विकास विभाग की बैठकमें मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इसकी जानकारी दी।.
अररिया से औरंगाबाद तक इन जिलों को फायदा
बिहार में अभी आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत पांच क्षेत्रों स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कृषि एवं जल संसाधन, वित्तीय समावेशन एवं कौशल विकास और आधारभूत संरचना पर काम हो रहे हैं। इसके तहत राज्य के कुल 13 जिलों अररिया, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, गया, जमुई, कटिहार, खगड़िया, मुजफ्फरपुर, नवादा, पूर्णिया, शेखपुरा और सीतामढ़ी शामिल हैं। मुख्य सचिव ने विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलों के डीएम के साथ हुई इस बैठक में योजनाओं की ताजा स्थिति की जानकारी ली गई। बैठक में मौजूद योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव के सेंथिल कुमार ने विभिन्न योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी।
जमीन की कमी को दूर करने का निर्देश
मुख्य सचिव ने पंचायत सरकार भवन निर्माण योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायक भत्ता योजना आदि की समीक्षा कर इनके कार्यान्वयन में आड़े आ रही जमीन की कमी को दूर करने का आदेश दिया। बिहार में करीब दो हजार पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराया जा रहा है। कुछ जिलों में जमीन की समस्या आ रही है। मुख्य सचिव ने इन जिलों के डीएम को समस्या दूर करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना की भी समीक्षा कर कई तरह के निर्देश दिए गए।
नीति आयोग ने मंजूर किये बिहार के सारे प्रस्ताव
मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना को लेकर निर्देश दिया गया कि लक्ष्य के विरुद्ध आवेदन प्राप्त करने के लिए जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र के स्तर से जिला, प्रखंड, पंचायत, वार्ड, शैक्षणिक संस्थानों में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए कैम्प लगाकर सघन काउंसिलिंग कराना सुनिश्चित किया जाए। साथ ही ड्रॉप आउट की समस्या के सामाधान के लिए लाभार्थियों से संपर्क कर इसको कम करने की कोशिश की जाए।