अरवल -देशभर में आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना कराने के ऐतिहासिक फैसले के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन का एनडीए गठबंधन के नेताओं ने अरवल जिला अतिथि गृह में प्रेस वार्ता के माध्यम से अभिनंदन व स्वागत किया है।
जिला अतिथि गृह में आयोजित प्रेस वार्ता की अध्यक्षता जदयू जिलाध्यक्ष मिथलेश कुमार व संचालन भाजपा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी ने किया। आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पीयूष शर्मा ने कहा कि अब देश सटीक आंकड़ों के जरिए वंचित, शोषित, पीड़ित तबकों की संख्या के अनुसार विकास के लिए योजनाएं बना सकेगा और उन्हें धरातल तक उतार सकेगा। यह ऐतिहासिक कदम सामाजिक न्याय और समावेशी भारत की नींव है। यह कदम सामाजिक समानता, समावेशी विकास और नीति निर्माण में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मजबूत करेगा।
भारतीय जनता पार्टी तो शुरू से हीं सामाजिक समरसता और अंत्योदय के सिद्धांत पर चलती है। इसके पहले भी समाज के गरीब वर्गों को 10% का आरक्षण देकर सबका साथ सबका विकास व सबका विश्वास के संकल्प को प्रदर्शित किया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने आजतक जाति जनगणना का विरोध किया। आजादी के बाद की गई सभी गणनाएं में जाति की गणना कभी नहीं किया गया। आजादी के बाद यह पहली बार देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृढ़ संकल्प के कारण हो रहा है।
उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को आईना दिखाते हुए कहा कि काका कालेलकर की रिपोर्ट को सदन में न रखकर लाईब्रेरी में रखना, मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू न करना यह कांग्रेस की आरक्षण विरोधी मानसिकता को परिलक्षित करता है। कांग्रेस आजतक सिर्फ जातियों के तुष्टिकरण की राजनीति की है ।यह पहली बार है कि सरकार आंकड़े के माध्यम से समाज की वास्तविक संरचना को जानने और उसी आधार पर योजनाएं बनाने का निर्णय लेगी । वहीं प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जदयू की प्रदेश प्रवक्ता डॉ अनुप्रिया ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो सदन के माध्यम से 1994 में हीं जातीय जनगणना की आवाज उठाई थी,जब राजद के युवराज की उम्र मात्र 4 वर्ष थी।
वे कबसे आरक्षण के हितैषी हो गये। बिहार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जातीय जनगणना कराकर एक मिशाल पेश करने का काम किया है। वहीं जदयू के प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट पूजा शर्मा ने कहा कि नेहरू, इंदिरा व राजीव गांधी ने कभी भी आरक्षण की बात नहीं की। बल्कि 1980 में जाति आधारित पार्टियों से मुकाबला करने के लिए एक नारा गढ़ने का काम किया था-न जात पर न पात पर मुहर लगेगी हाथ पर। और आज ये लोग पटाखे फोड़ रहे और मिठाइयां बांट रहे। इनका असली चेहरा बिहार की जनता को मालूम है।
प्रेस वार्ता में रालोमो के प्रदेश महासचिव पप्पु वर्मा ने कहा कि यह कदम बिल्कुल सराहनीय है। समाज के पिछड़े व दलित परिवारों को इसका सीधा लाभ होगा। लोजपा के जिलाध्यक्ष सत्येन्द्र रंजन व हम के जिलाध्यक्ष सुनील शर्मा ने भी जातीय जनगणना पर एनडीए नेताओं को बधाई दी,साथ में यह कहा कि यह भारत के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर भाजपा नेता भास्कर कुमार, जदयू के प्रवक्ता चांद मल्लिक, जदयू नेता सुनील कुमार, जसीम अहमद, सिन्टु पासवान, चंदन कुमार उपस्थित रहे।
देवेंद्र कुमार की रिपोर्ट