नवादा : जिले के उग्रवाद प्रभावित कौआकोल प्रखंड शिक्षक नियोजन इकाई या तो खुद नियम की जानकारी नहीं है या फिर आरोपी को जानबूझकर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। मामला फर्जी प्रमाणपत्र पर बहाल शिक्षक का नियोजन रद्द करने से जुड़ा है। आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल के उठाये गये मुद्दे व डीईओ द्वारा कराये गये जांच में आरोप प्रमाणित होने के काफी जद्दोजहद के बाद बीडीओ सह नियोजन इकाई ने आरोपी उज्जवल कुमार आजाद का नियोजन रद्द तो कर दिया लेकिन की सवाल अनुत्तरित रह गये हैं।
मसलन उन्होंने नियमावली 2022 के तहत नियोजन रद्द करने का आदेश निर्गत किया है। जबकि नियोजन नियमावली 2022 में बना ही नहीं है। इस प्रकार आरोपी को जानबूझकर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब नियोजन नियमावली 2022 में जब बना ही नहीं तो नियोजन किस नियम के तहत किया गया? अब समाहर्ता पर इसकी जिम्मेदारी है कि वे बीडीओ से पूछें कि आपने किस नियमावली के तहत कार्रवाई की? आपको जब नियम कानून की जानकारी नहीं तो क्यों नहीं कार्रवाई के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को लिख दिया जाय?
भईया जी की रिपोर्ट