नवादा : आमतौर पर हर किसी नागरिक को जानकारी है, राज्यपाल की गाड़ी में बगैर नम्बर का होता है। उनके साथ चलने वाले अधिकारी बगैर नम्बर वाहन से नहीं चल सकते। नियम-कानून में सभी बंधे हैं। लेकिन जिले के अधिकारी अपने आपको राज्यपाल से कम नहीं समझते।
खुद नियम कानून का पालन तो करते नहीं, दूसरे को नियम कानून का न केवल पाठ पढ़ाते व नियम कानून तोड़ने के एवज में जुर्माना भी लगाते हैं। मानों खुद नियम कानून से उपर हों।जी हां! यहां हम बात कर रहे हैं जिले के दो अंचल अधिकारियों का। एक हिसुआ के हैं तो दूसरे बगल के ही नरहट के। दोनों बगैर नम्बर की वाहन पर चलना अपनी शान समझते हैं मानो वे अधिकारी नहीं राज्यपाल हों।
परिवहन विभाग ने नियम बना रखा है। कोई भी वाहन बगैर नम्बर एजेंसी से नहीं रोड पर नहीं निकलेगा। अगर ऐसा पाया गया तो एजेंसी के विरुद्ध कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। नियम का कितना पालन हो रहा है किसी को पता नहीं। अगर सख्ती के साथ नियम का पालन कराया जाता तो फिर बगैर नम्बर गाड़ी आयी कहां से? यह सवाल पूछा जाने लगा है। बहरहाल मामला चाहे जो हो लेकिन जिले के दो अंचल अधिकारी बगैर नम्बर वाहन पर चलना अपनी शान समझ रहे हैं।
भईया जी की रिपोर्ट