नवादा : जिले की वेशर्म हो चुकी पुलिस से न्याय का मंदिर परेशान है। पकरीबरांवा के बाद अब रोह पुलिस के विरुद्ध न्यायालय को आदेश निर्गत करना पड़ा है। कर्तव्य का निर्वहन सही तरीके से नहीं करने के आरोप में एक दारोगा को कोर्ट ने झटका दिया है। उनके वेतन से 2 हजार रूपये काट कर सरकारी खजाना में जमा किये जाने का आदेश दिया गया है। मामला रोह थाना कांड संख्या-179/24 से जुड़ा है।
जानकारी के मुताबिक़, अभियुक्त सुगन यादव काराधीन के खिलाफ विचारण विशेष न्यायाधीश पोक्सो मनीष द्विवेदी की अदालत में विचाराधीन है। काराधीन आरोपित द्वारा जमानत याचिका दायर किया गया है। जिसकी सुनवाई के लिये अदालत द्वारा कांड दैनिकी की मांग की गई थी। लेकिन कांड के अनुसंधानकर्ता ने दूसरे कांड की दैनिकी लगाकर अदालत को भेज दिया। सुनवाई के क्रम यह बात उजागर हुई की अनुसंधानकर्ता के द्वारा भेजा गया कांड दैनिकी किसी दूसरे कांड से सम्बंधित है।
सूचना के बावजूद उन्होंने भूल सुधार नही किया। आखिरकार अदालत ने यह पाया कि वो अपने पदीय कार्य का सही तरीके से निर्वहन करने में घोर लापरवाही बरत रहे हैं तथा कर्तव्य का निर्वहन सही तरीके से नहीं किया है। जिससे न्यायिक कार्य बाधित हुआ। जबकि काराधीन अभियुक्त को यह अधिकार है कि उसके जमानत आवेदन का निष्पादन शीघ्र किया जाय। न्यायाधीश ने अनुसंधानकर्ता काे आदेश दिया है कि वांछित कांड दैनिकी के साथ अगली निर्धारित तिथि को अदालत में उपस्थित रहें। वहीं आरक्षी अधीक्षक काे निर्देश दिया है कि अनुसंधानकर्ता के वेतन से 2 हजार रूपये काटकर सरकारी खजाना में जमा कर अदालत को सूचित करें।
भईया जी की रिपोर्ट