नवादा : भीषण गर्मी के बाद हुए थोड़े से बारिश से जिले में पर्याप्त वर्षा के अभाव में खेतों में धान रोपण कार्य बाधित है। कारण स्पष्ट है भूगर्भीय जलस्रोतों का जलस्तर इतना नीचे है कि किसान हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इसी के लिए अभी तक धान रोपनी का कार्य शुरू नहीं हुई है।
कृषि पंडित घाघ कहते हैं
पुनर्वसु- पुष्य न भरै तलैया, फिर भरिहें अगले साल हो भैया। यानी कि पुनर्वसु- पुष्य में अगर आहर तालाब नहीं भरा तो खरीफ की संभावना नहीं के बराबर है। जिले में पिछले चार वर्षों से बारिश खरीफ के अनुकूल नहीं रहा है। किसान भूगर्भीय जलस्रोतों पर आश्रित रहे हैं, जिससे जलस्तर में गिरावट का दौर जारी है। चापाकलों ने ना कहना शुरू कर दिया है सो अलग।
इन सबों से परे जिले के अकबरपुर प्रखंड क्षेत्र फतेहपुर पंचायत डीही गांव के प्रगतिशील किसान समाजसेवी ललन सिंह ने भूगर्भीय जलस्रोतों के सहारे धान रोपण की तैयारी में जुटे हैं। ऐसी भी बात नहीं है कि ऐसा वे पहली बार कर रहे हैं। प्रति वर्ष वे समय पूर्व धान रोपण कर अच्छी पैदा करने में माहिर हैं। वैसे फिलहाल प्रखंड के पहले किसान हैं जिन्होंने धान रोपण की तैयारी आरंभ की है।
भईया जी की रिपोर्ट