-पत्थर खदान के सुरक्षा कर्मी की बेरहमी से पिटाई में हुई थी मौत
नवादा : जिले के नक्सल थाना क्षेत्र के खखन्दुआ पत्थर खदान क्षेत्र में भगवती स्टोन क्रसर के सुरक्षा कर्मी विनोद सिंह हत्याकांड में अबतक किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। घटना के बावत पुलिस की ओर एसडीपीओ रजौली गुलशन कुमार का आधिकारिक बयान जारी किया गया है। जिसमें कांड की अबतक की प्रगति की जानकारी दी गई है।
क्या है पुलिस का आधिकारिक पक्ष
एसडीपीओ की ओर से जारी बयान को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया गया है। बयान को हमारी खबर के जवाब में टैग किया गया है, जिसमें एसडीपीओ द्वारा कहा गया है कि घटनास्थल का निरीक्षण करने पर यह बात सामने आई कि आरोपित पक्ष के लोग उक्त खदान में पूव में काम किया करते थे। बरसात में काम बंद होने के कारण उनलोगों को हटा दिया गया था। वे लोग स्थानीय हैं और अब भी वहां काम करना चाह रहे हैं। द्वेषभाव में उक्त गार्ड के साथ मारपीट की गई, जिसमें उनकी मौत हो गई।
कांड का अनुसंधान किया जा रहा है।अनुसंधानकर्ता को जरूरी निर्देश दिए गए है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। एसडीपीओ के बयान समाने आने के बाद जब उनसे कांड में किसी की गिरफ्तारी से संबंधित सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। एसआइटी का गठन किया गया है। अकबरपुर व नेमदारगंज थानाध्यक्ष को भी इस काम में लगाया गया है। टेक्निकल टीम का सहयोग लिया जा रहा है।
30 अगस्त को हुई थी घटना
बता दें कि शुक्रवार 30 अगस्त की रात विनोद सिंह की बेरहमी से पिटाई की गई थी। रात में ही डायल 112 को सूचना देकर घटनास्थल पर बुलाया गया था। 112 की टीम घायल को अकबरपुर पीएचसी में इलाज के लिए लेकर पहुंची थी। वहां से उन्हें सदर अस्पताल लाया गया था। सदर अस्पताल से भी उन्हें हायर संस्थान रेफर किया गया था। 01 सितंबर रविवार को पटना के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। रविवार की रात शव को सदर अस्पताल लाया गया था। सोमवार को शव का पोस्टमार्टम हुआ था।
भाजपा नेताओं व परिजन का पुलिस पर आरोप
इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर कार्रवाई में लापरवाही का आरोप लगाया था। जिसके बाद एसपी के द्वारा थाली थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष ललन कुमार को पुलिस लाइन हाज़िर कर दिया था। घटना के चार-पांच दिन बीत गए हैं। किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। भाजपा नेताओं पूर्व विधायक अनिल सिंह और पार्टी के जिलाध्यक्ष अनिल मेहता ने भी इस कांड में पुलिस पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए थे। फिलहाल, आलम ये कि किसी भी आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने से पुलिस काफी दबाव में है। अब पुलिस कैसे आरोपितों तक पहुंच पाती है देखने वाली बात होगी। आश्चर्य यह कि प्रभारी थानाध्यक्ष को लाइन हाज़िर किये जाने के बावजूद पुलिस ऐसे मामले में अब भी चुप्पी साधे बैठी है।
भईया जी की रिपोर्ट