आरटीआइ से हुआ खुलासा
नवादा : राज्य मानवाधिकार आयोग अध्यक्ष का पद काफी दिनों से रिक्त पड़ा है। ऐसे में आयोग के पास सुनवाई के सैंकड़ों मामले लंबित पड़े हैं। खुद मेरा अपना मामला जो जिले तत्कालीन अकबरपुर थानाध्यक्ष अजय कुमार द्वारा अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गिरफ्तारी व वरीय पत्रकार को हथकड़ी लगाये जाने से संबंधित है सुनवाई के लिए आयोग में लंबित पड़ा है।
ऐसे में पूछताछ के बाद आयोग से सीधा जवाब मिलता है अध्यक्ष का पद रिक्त रहने के कारण सुनवाई में विलंब हो रहा है। फिर मानवाधिकार आयोग से लोगों का मोहभंग होने लगा है। हो भी क्यों नहीं जब न्यायालय की तरह त्वरित न्याय नहीं मिलना है तब फिर आयोग का अर्थ ही क्या रह जाएगा?
आरटीआई से मांगी सूचना
जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने इस बावत सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी कि राज्य मानवाधिकार आयोग में कौन-कौन पद कितने दिनों से रिक्त पड़े हैं। ऐसी भी बात नहीं कि राज्य मानवाधिकार आयोग ने जबाव ही नहीं दिया। दिया वह भी समय सीमा पर। लेकिन जो जबाव दिया वह चौंकाने वाला है। उसने अध्यक्ष का पद रिक्त मानने से इंकार कर दिया।
अब सबसे बड़ा सवाल जब अध्यक्ष का पद रिक्त है ही नहीं तब मामले की सुनवाई में बिलंब क्यों? ऐसा हम नहीं राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध करायी गयी सूचना कह रहा है। अगर अध्यक्ष का पद रिक्त नहीं तब सुनवाई क्यों नहीं? अगर रिक्त है तब गलत बयानी क्यों? जब एक महत्वपूर्ण व जिम्मेदार संस्था का यह हाल है तब शेष का क्या होगा?
भईया जी की रिपोर्ट