नवादा : जिले के रजौली थाना क्षेत्र में सिर्फ और सिर्फ थानेदार की चलती है। यही कारण है कि कोयला, गिट्टी के साथ बालू -दारु धंधा रुकने के बजाय दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। सोमवार को कोयला गिट्टी कारोबारी पर कार्रवाई कर पुलिस की मंशा पर पानी फेरने का प्रयास किया गया लेकिन थानेदार के इशारे पर न केवल गिट्टी को गायब कर दिया गया बल्कि संचालक सुमन यादव फरार होने में सफल रहा।
ऐसे में खाली ट्रैक्टर से ही छापामार दल को संतोष करना पड़ा। अब सबसे बड़ा सवाल ऐसे में अवैध धंधे पर रोक लगे तो कैसे? और तो और अनुमंडल कार्यालय के पास अवैध धंधा पिछले कई महीनों से चल रहा है। प्रतिदिन एसडीएम से लेकर एसडीपीओ का आना जाना होता है लेकिन किसी को दिखाई नहीं दे रहा था। कार्रवाई के लिए खनन विभाग का इंतजार किया जा रहा था। जाहिर है खेल के पीछे लाभ- शुभ था।
बता दें जिले के रजौली अनुमण्डल कार्यालय के बगल में अवैध गिट्टी डम्पिंग यार्ड में खनन पदाधिकारी प्रत्यय अमन के निर्देश पर सोमवार को छापेमारी की गई। इस दौरान सीओ गुफरान मजहरी,अपर थानाध्यक्ष अजय कुमार और खनन निरीक्षक अपूर्व सिंह मौजूद थे।इस अवैध गिट्टी डम्पिंग का कारोबार विगत कई महीनों से संचालित किया जा रहा था।धंधे में संलिप्त लोग झारखण्ड के विभिन्न स्थानों से बिना चालान के गिट्टी डम्पिंग कर बढ़ी कीमतों पर बेचा करते थे। इसमें प्रतिदिन दर्जनों ट्रकों से जेसीबी के सहारे गिट्टी उतारकर ढ़ेर लगाया जाता थ,फिर ट्रैक्टरों के सहारे अनुमण्डल क्षेत्र के विभिन्न गांवों में सप्लाई किया जाता था जिससे बिहार सरकार के राजस्व में प्रतिदिन चुना लगाया जा रहा था।
इस दौरान दर्जनों जगह गिट्टी का ढ़ेर भारी मात्रा में पाया गया था। वहीं गिट्टी लदे सात ट्रैक्टर कैम्पस में पाया गया,जिसपर लगभग 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। आश्चर्य तो यह कि जप्त ट्रैक्टरों से गिट्टी गायब करवा दिया गया ताकि न्यायालय में जुर्माने को चुनौती दी जा सके। और तो और संचालक को भी भगा दिया गया ताकि उसका अबैध धंधा चालू रह सके। थानाध्यक्ष की काली करतूतों की चर्चा चाय- पान की दुकानों पर जारी है।
भईया जी की रिपोर्ट