नवादा : जिले में पुलिस के अजब-गजब कारनामे का दौर थमने के बजाय बढ़ता जा रहा है। अभी परनाडाबर थाना क्षेत्र का मृतक को गवाह बनाये जाने का मामला थमा भी नहीं कि अकबरपुर पुलिस ने अपनी नियत व नीति का परिचय दे दिया। वह भी तब जब थाने की कमान प्रशिक्षु डीएसपी के हाथ है जिन्हें नियम कानून के साथ खिलवाड़ करने की खुली छूट प्राप्त है। अकबरपुर पुलिस कानून के साथ खिलवाड़ करने में लगी है। जब से प्रशिक्षु डीएसपी ने अकबरपुर थानाध्यक्ष का प्रभार लिया है तब से कानून के रक्षक ही कानून भक्षक बन गए हैं। वारंट किसी और और गिरफ्तार कर न्यायालय भेज रहे हैं किसी और को।
कुछ इसी प्रकार का मामला अकबरपुर बाजार का है। न्यायालय ने पारिवारिक केस जिसका केस संख्या 21/18 के अभियुक्त राजकिशोर प्रसाद पिता अर्जुन प्रसाद अकबरपुर बीच बाजार को गिरफ्तार करने से संबंधित स्थायी वारंट निर्गत किया है लेकिन अकबरपुर पुलिस ने थानाध्यक्ष के निर्देश पर हाट पर के सुधीर कुमार पिता अर्जुन राम को जबरन गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया। गिरफ्तार युवक यह कहता रहा कि उसका नाम सुधीर कुमार पिता अर्जुन प्रसाद है तथा उन्होंने इससे संबंधित दस्तावेज पुलिस को दिखाया। लेकिन प्रशिक्षु डीएसपी मानने को तैयार नहीं हुआ और अंततः एक गरीब को जबरन गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इस प्रकार पुलिस सिर्फ पिता के नाम पर भोली भाली जनता को जबरन गिरफ्तार कर रही है जिससे अकबरपुर बाजार के लोगों में दहशत व्याप्त है। पुलिस गुनहगारों को पकड़ने में विफल सावित हो रही है। बता दें कि अकबरपुर में पिछले एक माह में अकबरपुर बाजार में चोरी की दो घटनाएं घटित हुई। जबकि ट्रक चोरी और ड्राइवर गायब होने की एक एक घटना घटित हुई। ऐसे में पुलिस सिर्फ निर्दोष पर ही कार्रवाई करने में जुटी है और दोषी चैन की निंद सो रहा है।
भईया जी की रिपोर्ट