नवादा : केन्द्र सरकार ने आम लोगों को जानकारी सुलभ कराने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम का अचूक हथियार दिया। इसके लिए समय का निर्धारण कर अधिकारियों को इसे लागू कराने के लिए जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन अधिकारी नहीं चाहते सूचना का अधिकार धरातल पर उतरे। यही कारण है कि जिले के एक भी कार्यालय के बाहर गेट पर उसे कार्यालय के लोक सूचना पदाधिकारी एवं प्रथम अपीलीय प्राधिकार के नाम एवं पदनाम का बोर्ड नहीं लगा है कि ताकि आम व्यक्ति आसानी से लोक सूचना पदाधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के पास आरटीआई आवेदन दाखिल कर सके।
उक्त मामले को जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चील ने काफी गंभीरता से लेते हुए सूचना के अधिकार के तहत बोर्ड की जानकारी मांगी। प्रथम व द्वितीय अपील अधिकारी ने बोर्ड लगवाने का आश्वासन तो दिया लेकिन अबतक एक भी कार्यालय में बोर्ड नहीं लगा। आश्चर्य तो यह कि समाहर्ता ने ख़ुद इसका अनुपालन नहीं किया। जबकि नियमत : इसका अनुपालन हर किसी को करना है।
हां! समाहरणालय परिसर में एक फ्लैक्स बोर्ड लगाकर अपने कर्तव्य की गति श्री कर ली। ऐसे में धुन के पक्के चर्चील ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया है। राज्य सूचना आयोग ने अपील को स्वीकार कर अगले महीने सुनवाई की तिथि निर्धारित की है। सूचना आरटीआई कार्यकर्ता के साथ ही संबंधित पदाधिकारी को उपलब्ध करायी गयी है।