नवादा : जी हां! जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्रकारों से तो नहीं लेकिन अधिवक्ताओं से अवश्य डर लगता है? तभी तो उच्च न्यायालय के एक वकील के साथ थाना परिसर में पुलिसकर्मियों द्वारा सपरिवार के साथ मारपीट करने और दुर्व्यवहार करने का मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी अभिनव धीमान ने दो पुलिसकर्मियों पर त्वरित कार्रवाई की है। एसपी अभिनव धीमान ने नारदीगंज थाना में तैनात दो एसआई नंद लाल यादव और एसआई गौतम कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
पटना उच्च न्यायालय के वकील विपिन सिंह ने नारदीगंज थाना में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के लिए रुपये की मांग और सपरिवार के साथ थाना परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया था, जिसका वीडियो पीड़ित परिवार के लोगों ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर दोषी पुलिसकर्मियों पर एसपी अभिनव धीमान से कार्रवाई की मांग की थी।
पीड़ित वकील विपिन सिंह का आरोप है कि नारदीगंज थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ उनके और उनके परिवार के साथ बदसलूकी की बल्कि उन्हें थाना परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर बेरहमी से पीटा। पीड़ित वकील विपिन सिंह का आरोप है कि पुलिस रपट दर्ज करने के एवज में रुपये खोजती है, जिसका विरोध करने पर पुलिसकर्मी द्वारा बर्बरता की जाती है। नारदीगंज थाना परिसर में पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट में पटना उच्च न्यायालय के वकील नारदीगंज थाना क्षेत्र के कहुआरा गांव के विपिन सिंह उर्फ आनंद मोहन और उनके दो पुत्र और दो पुत्री जख्मी हो गए थे। पीड़ित वकील विपिन सिंह ने बताया कि घर में श्राद्ध कार्यक्रम था।
इसी बीच देर रात घर से 4 एंड्रॉयड मोबाइल और एक बैग में रखे 30 हजार रुपये की चोरी कर ली गई थी। वहीं, चोरी की घटना की शिकायत लेकर सपरिवार नारदीगंज थाना पहुंचा, जहां शिकायत दर्ज करने के लिए थाना में तैनात पुलिसकर्मी द्वारा 10 हजार रुपये की मांग की गई , जिसका विरोध करने पर सपरिवार के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया और थाना परिसर में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। घटना से हताश पीड़ित वकील परिवार ने एसपी अभिनव धीमान से लिखित शिकायत कर नारदीगंज थाने में तैनात दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी।
इस मामले में एसपी अभिनव धीमान का कहना है कि मामला संज्ञान में आने पर नारदीगंज थाना पर तैनात एसआई नंदलाल यादव और एसआई गौतम कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच बैठा दी गई है। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।