पटना : पटना के अगमकुंआ स्थित राजेन्द्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के 61वें स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि आसीएमआर के पूर्व निदेशक डा. विश्वमोहन कटोच ने कहाकि राष्ट्रपति के रूप में डा. राजेन्द्र प्रसाद ने जो मानक स्थापित किया, वह आदर्श लोकतंत्र के लिए प्रतिमान है। उनका जीवन व जीवन दृष्टि लोकतंत्र के लिए मार्गदर्शक जैसा है। राजेन्द्र बाबू की जयंती के अवसर पर 3 दिसम्बर 1963 को लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने पटना के प्रमुख चिकित्सकों व समाजसेवियों के साथ मिलकर इस संस्थान की स्थापना की थी जिसमें श्वांस के रोगियों का ठीक से उपचार हो सके और इससे सम्बंधित शोध कार्य भी हो।
वर्ष 1981 में यह संस्थान आईसीएमआर से जुड़ गया। फिलहाल यह संस्थान संक्रामक रोगाणुओं व विषाणुओं पर शोध करने वाला देश के प्रमुख संस्थानों में से एक है। स्थापना दिवस दिवस समारोह में शामिल चिकित्सकों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं का स्वागत करते हुए संस्थान के निदेशक डा.कृष्णा पांडेय ने कहा कि राजेन्द्र बाबू का त्याग और तप पूर्ण जीवन हमें हमेशा प्रेरणा देते रहता है। उनकी स्मृति में स्थापति यह संस्थान चिकित्सा शोध के क्षेत्र में अपनी महती भूमिका निभा रहा है लेकिन हमें और बड़े फलक पर काम करने के लिए तैयार रहना है।
वहीँ, पिछले कुछ दिनों से संस्थान के कर्मचारियों और छात्रों के बीच विभिन्न खेल/इनडोर खेलों की प्रतियोगिता आयोजित की गई। पुरस्कार वितरण के माध्यम से सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रोत्साहित किया गया। समारोह में सांस्कृतिक आयाम जोड़ते हुए, RMRIMS के कर्मचारियों और छात्रों ने एक जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसमें उनकी कलात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन किया गया, जो संस्थान की एकता और रचनात्मकता की भावना को दर्शाता है।
डॉ. राजीव बहल, सचिव डीएचआर और महानिदेशक आईसीएमआर, नई दिल्ली ने वर्चुअल माध्यम से संस्थान को शुभकामना देते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामी में सुधार के लिए संस्थान की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. वहाब अली, वैज्ञानिक-एफ ने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए गणमान्य व्यक्तियों, कर्मचारियों और जनता सहित सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. यश पॉल शर्मा, वैज्ञानिक-सी ने मंच संचालन किया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ।