-वरीय पत्रकार उत्पीड़न से संबंधित जांच प्रतिवेदन देने में पुलिस अधिकारियों के छूट रहे पसीने
नवादा : जिले के कतिपय पत्रकारों की नजरों में सिंघम रहे पूर्व के रुपौ, अकबरपुर व पकरीबरावां थानाध्यक्ष अजय कुमार के स्थानांतरण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कतिपय एकाध अखबार व सोशल मीडिया ने तो स्थानांतरण का जिम्मेदार सीधे एसपी को ठहराते हुए सवाल खड़ा कर है। और तो और पुलिस को उकसाने तक का काम किया मानों जिले को एसपी नहीं अजय कुमार चला रहा था।
खैर! छोड़िये? पुलिस अधीक्षक की ओर से स्थानांतरण से संबंधित कोई आधिकारिक बयान अबतक नहीं आया है। बावजूद स्थानांतरण से संबंधित चर्चाओं पर विराम लगने के एकाध पत्रकार व सोशल मीडिया से जुड़े एक पत्रकार ने जब जिले के एक वरीय पत्रकार पर कटाक्ष कर डाला तब इसकी सच्चाई को सामने लाने के लिए जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने कमर कस लिया।
उन्होंने स्थानांतरण से संबंधित सारे दस्तावेज की मांग सूचना के अधिकार के अधिकार के तहत कर डाली है। और तो और अजय कुमार के थानाध्यक्ष के कार्यकाल में कितने और कौन-कौन माफियाओं की गिरफ्तारी हुई इससे संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने व कौन कौन माफियाओं की गिरफ्तारी के बाद उन्हें सम्मानित किया गया दस्तावेज उपलब्ध कराने की मांग कर डाली है। इसके लिए उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले का उल्लेख कर डाला है ताकि आनाकानी न किया जा सके।
बता दें इसके पूर्व उन्होंने अजय कुमार द्वारा जिले के वरीय पत्रकार की गिरफ्तारी व मानवाधिकार उल्लंघन से संबंधित जांच प्रतिवेदन की मांग कर चुके हैं जिसका जवाब अबतक नहीं दिया गया है। मामला मानवाधिकार व राज्य सूचना आयोग में लंबित है।
अब आयेगा असली मजा आयेगा
कहते हैं चोर के दाढ़ी में तिनका! कुछ इसी प्रकार की स्थिति अजय कुमार की है। अगर माफियाओं व राजनेताओं का दबाव था तो फिर सिंघम कैसे? जब जांबाज पदाधिकारी थे तो फिर स्थानांतरण के लिए अभ्यावेदन क्यों? सारे तथ्यों का खुलासा संभव हो सकेगा। थोड़ा इंतजार कर लें। जल्द सच्चाई सामने आयेगी।
भईया जी की रिपोर्ट