-अधिकारियों की उदासीनता के कारण संवेदक कर रहे मनमानी
नवादा : जिले के सिरदला प्रखंड में मरीजों के इलाज के लिए तीन वर्ष पूर्व भूमि पूजन कर के 30 बेड वाला अस्पताल के निर्माण कार्य को शुरू कराया गया था। लेकिन, अब तक जिलावासी बस टकटकी लगाए उम्मीद कर रहे हैं कि कब अस्पताल बनेगा और मरीजों को इलाज के लिए कहीं और भटकना नहीं पड़ेगा। ख़बर तो ऐसी है कि अस्पताल भी अब तक नहीं बन पाया है और जितना बन सका है उसमें लगाए जा रहे सामग्री की गुणवत्ता काफी खराब है।
तीन वर्षो में भी नही बन सका 30 बेड वाला अस्पताल
मिली जानकारी के अनुसार नवादा जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला प्रखंड मुख्यालय में 30 शैय्या वाले अस्पताल का निर्माण काफी धीमी गति से चल रहा है। ऐसे में अस्पताल का लाभ प्रखंड वासियों को नहीं मिल पा रहा है। और तो और कराये जा रहे निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूर्ण अभाव है। ऐसा अधिकारियों की उदासीनता के कारण हो रहा है।
निर्माण सामग्री के गुणवत्ता में काफी कमी
स्थानीय नागरिकों की मानें तो तीन वर्ष पूर्व कोल्डिहा नहर के पास भूमि पूजन कर कार्य आरंभ किया गया था। संवेदक द्वारा एक नम्बर के बजाय तीन नम्बर ईंट के साथ ही स्थानीय गिट्टी का उपयोग निर्माण कार्य में किया जा रहा है। उत्तम क्वालिटी सिमेंट के बजाय मिनी प्लांट सिमेंट का उपयोग निर्माण कार्य में किया जाने से भवन कब धराशायी हो जाय कहना मुश्किल है। स्थानीय नागरिकों ने निर्माण स्थल पर उपयोग में लायी जा रही भवन निर्माण सामग्री की जांच की मांग समाहर्ता से की है। ऐसा न होने पर कब भवन धराशायी होकर कितने की असमय जान ले ले कहना मुश्किल है।
भईया जी की रिपोर्ट