नवादा : जिले के रोह प्रखंड क्षेत्र में 25 @परिवारों के करीब सैकड़ों लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में वापसी की है। दो दर्जन से अधिक ईसाई परिवारों के सैकड़ों लोगों ने सनातन धर्म में घर वापसी कर ली है। इन्होंने कुछ ही महीने पहले ईसाई मिशनरियों के प्रभाव और प्रलोभन में आकर धर्मांतरण कर लिया था। इन सभी को ईसाई मिशनरियों ने बरगलाकर ईसाई बना दिया था। सनातन समाज की ओर से आयोजित अनुष्ठान में ‘ऊं’ स्वरोच्चारण के बीच वापस हिंदू धर्म में लौटे लोगों का स्वागत किया गया।
मामला जिले के उग्रवाद प्रभावित रोह प्रखंड के समहरीगढ़ गांव की बताई जा रही है, जहां 25 ईसाई परिवारों के सैकड़ों लोगों ने सनातन धर्म में फिर से घर वापसी की है। इनमें ज्यादातर परिवार दलित तबके के हैं और इनमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। विधि-विधान के साथ इनके सनातन धर्म में वापसी का अनुष्ठान संपन्न कराया गया। सभी लोगों ने सामूहिक आचमन और यज्ञोपवित ग्रहण किया। घर वापसी करने वाले परिवारों ने बताया कि पहले वे सभी वंचित समुदाय से आते थे लेकिन कुछ वर्ष पहले कुछ ईसाई मिशनरी उनके गांव में घूमने के बहाने से आए और हमें तंत्र-मंत्र से ठीक करने और अन्य सुविधाओं का लालच देकर ईसाई बना दिया।
घर वापसी कर चुके लोगों का कहना था कि उन्हें बाद में इस बात का आभास हुआ कि उनके साथ धोखा किया गया है इसलिए हम सभी ने सनातन धर्म में घर वापसी का फैसला किया। घर वापसी में इन परिवारों की मदद हिन्दू संगठनों ने की। लोगों ने ये भी कहा कि हम सभी पहले भी सनातनी थे, अब फिर से हो गए हैं और आगे भी सनातनी ही रहेंगे। विश्व हिंदू परिषद और हिंदूवादी संस्थाओं का कहना है कि ईसाई मिशनरियां कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों को प्रलोभन देकर धर्मांतरण करा रही है।
समहरीगढ़ पंचायत में ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों और ग्रामीणों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद कई परिवारों के लोगों ने घर वापसी की इच्छा जताई थी। बजरंग दल के पूर्व जिला संयोजक जितेंद्र प्रताप जीतू ने कहा कि सनातन धर्म में छल, प्रपंच और कुरीतियों का कोई स्थान नहीं है। विश्व हिंदू परिषद के कैलाश विश्वकर्मा ने कहा कि हिंदुओं को मतांतरित करने में लिप्त संस्थाओं और व्यक्तियों को चिह्नित कर प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। प्रलोभन और छलपूर्वक मतांतरण कराना कानूनन अपराध है।
भईया जी की रिपोर्ट