नवादा : कहते हैं नियत और नीति साफ हो तो किसी को कहीं भी कभी भी झुकाया जा सकता है। अधिकारियों की जब खुद की गर्दन फंसने लगती है तब वे तरह के वह अनैतिक कार्य करते हैं जिसकी इजाजत कहीं किसी किताब में नहीं होती बावजूद ऐसा ही हो रहा है। मामला आरटीआई से जुड़ा है। नियमत: अपीलीय अधिकारी को जिस तिथि पर सुनवाई करनी हो आवेदक को बजाप्ता नोटिस जारी करना चाहिए। बावजूद नियम का धड़ल्ले से उल्लंघन किया जा था ताकि आवेदक पहुंचे ही नहीं और मामले को खारिज कर दिया जाय।
उक्त मामले को आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने आयुक्त के सामने बड़ी मजबूती के साथ रखा। मेहनत रंग लाई और आयुक्त कार्यालय से बजाप्ता नोटिस जारी होने लगा। ऐसा होने से अब आवेदकों को किसी प्रकार की न परेशानी होगी, न ही उनके आवेदन की बगैर सुनबाई किये निरस्त किया जा सकेगा।
भईया जी की रिपोर्ट