– करे कोई भरे कोई वाली स्थिति का सामना कर रहे पुलिस अधिकारी
नवादा : कहते एक झूठ को छिपाने के लिए हजार झूठ बोलो लेकिन झूठ तो झूठ ही होता है। कुछ इसी प्रकार की स्थिति पूर्व एसपी अम्बरीष राहुल के कार्यकाल में जिले में रही। भ्रष्टाचार में इतने लिप्त रहे कि थानेदारों को बचाने के चक्कर में खुद का गला फंसा लिया। हालात यह है कि पुलिस के लिए करें कोई,भरे कोई वाली स्थिति बन गयी है। मामला पत्रकार उत्पीड़न से जुड़ा है।
बता दें जिले के वरीय पत्रकार ने निवर्तमान अकबरपुर थानाध्यक्ष के विरुद्ध हरे वृक्षों की कटाई करा थाना परिसर में निजी फर्नीचर बनाने से संबंधित फोटो युक्त समाचार प्रकाशित किया था। एसपी ने मामले की जांच न करा मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। लेकिन थानाध्यक्ष ने सबक सिखाने का षड्यंत्र रचना जारी रखा।
न्यायालय के एक लम्बित मामले जिसमें न तो नोटिस का तामिला न ही इश्तेहार तामिला गोविन्दपुर या थाली थानाध्यक्ष ने तामिला कराया अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गिरफ्तार कर लिया। इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन कर 20 जून 2023 को हाजत में बंद कर, हाथ में हथकड़ी लगाकर बगैर चेहरा छिपाये सोशल मीडिया पर फोटो वायरल कर मानवाधिकार का उल्लंघन किया। हांलांकि न्यायालय ने निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। जिले के पत्रकारों ने घटना की निंदा करते हुए एसपी को आवेदन देकर मामले की जांच कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। एक वर्ष से अधिक की अवधि व्यतीत हो गयी आजतक जांच प्रतिवेदन अप्राप्त है।
मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग
पुलिस पदाधिकारीयों से न्याय नहीं मिलने पर मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग में दायर किया गया। हालात यह है कि आयोग जांच प्रतिवेदन की लगातार मांग कर रहा है, और पुलिस पदाधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। अगली सुनवाई की तिथि 21 अक्टूबर निर्धारित है।
सूचना के अधिकार के तहत मांगी जा रहा जांच प्रतिवेदन
जिले के बहुचर्चित आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल ने जांच प्रतिवेदन सूचना के अधिकार के तहत मांगी। नहीं मिलने पर प्रथम अपील दायर की है।
करें कोई,भरे कोई
हालात यह है कि आइजी मानवाधिकार को प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के लिए एसपी पर, एसपी रजौली एसडीपीओ पर , रजौली एसडीपीओ पुलिस निरीक्षक पर पर दबाव बना रहे हैं। हालात यह है कि जब जांच हो तब कोई जवाब दे? यहां तक कि पत्रकारों द्वारा दिया आवेदन तक गायब है।
पुलिस निरीक्षक मांग रहे आरटीआई कार्यकर्ता से आवेदन की प्रति
हालात यह है कि रजौली पुलिस निरीक्षक वरीय पत्रकार व आरटीआई कार्यकर्ता से आवेदन की प्रति उपलब्ध कराने का आग्रह कर रहे हैं जिसका आडियो कोई भी सुनकर पुलिस की कार्यशैली पर अपना निर्णय देने के लिए स्वतंत्र है।
भईया जी की रिपोर्ट