-अधिवक्ता के विरुद्ध एफआईआर पर उच्च न्यायालय ने लगाई रोक, दिया जांच का आदेश
नवादा : पटना उच्च न्यायालय ने व्यवहार न्यायालय को अपने आदेश में नवादा मुफस्सिल पीएस केस संख्या 27/24 की किसी भी प्रकार की सुनवाई पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही जिला पुलिस अधीक्षक को खुद इस मामले को देखने व अनुसंधान करने का निर्देश दिया।
पुलिस को हिदायत दी कि अधिवक्ता एवम उसके परिवार की सुरक्षा का विशेष ख्याल रखा जाए जिससे वे परेशान ना हो।
आज भी हमारे समाज के व्यक्तियों को जितनी आस्था ईश्वर पर है उतना ही आस्था न्यायपालिका पर है। यह भी सच है कि हमारे न्यायिक सिस्टम में कुछ कमियां है जिसके कारण हमें न्याय तक पहुंचने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दूसरे शब्दों में हम यह कहें की न्यायिक सिस्टम में कमियां हो सकती है परंतु न्याय में नहीं।
अधिवक्ता के ऊपर केस नंबर 27/ 24 नवादा मुफस्सिल थाना पदस्थापित एक ड्यूटी ऑफिसर के द्वारा अगले पार्टी को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए प्रभोक करना एक सुनियोजित अपराध है। बता दें पूर्व पुलिस अधीक्षक के कार्यकाल में थानाध्यक्ष इतने बेलगाम हो गये थे कि नियम कानून से उपर उठकर उनके विरूद्ध आवाज उठाने वाले पत्रकार समेत किसी को झूठे मुकदमे में फंसाना आम हो गया था। अब उच्च न्यायालय के आदेश से पुलिस के कुकृत्यों की पोल खुलनी शुरू हो गयी है।
भईया जी की रिपोर्ट