नवादा : नव पदस्थापित एसपी अभिनव धीमान ने पुलिस कार्यालय पहुंच पदभार ग्रहण कर लिया है। पदभार लेने के पहले प्रोटोकॉल के तहत परिसदन व समाहरणालय परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। एसपी अभिनव धीमान ने पदभार के बाद जिले के सभी पुलिस उपाधीक्षक से जिले की भौगोलिक स्थिति व अन्य बिंदुओं पर जानकारी ली। मौके पर सदर एसडीपीओ-1 अनोज कुमार, रजौली एसडीपीओ गुलशन कुमार, पकरीबरावां एसडीपीओ महेश चौधरी, हिसुआ एसडीपीओ सुनील कुमार, साइबर डीएसपी व यातायात डीएसपी सहित सर्किल पुलिस निरीक्षक पंकज झा समेत कई अन्य पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।
इसके पूर्व निवर्तमान एसपी अंबरीश राहुल की विदाई परंपरा से हटकर पुलिस माफियाओं ने नगर के एक बड़े होटल में दी। विदाई समारोह में डीएम आशुतोष कुमार वर्मा भी शामिल हुए। इनके आलावा जिले में पदस्थापित पुलिस उपाधीक्षक सहित विभिन्न थाना क्षेत्र के पुलिस पदाधिकारी शामिल थे। निर्वतमान एसपी अंबरीश राहुल की पदस्थापना एसपी औरंगाबाद जिले में किया गया है। पिछले 21 महीने के कार्यकाल विवादास्पद रहा है।
मसलन थानाध्यक्ष पर हरे बृक्ष की कटाई के आरोप का जांच के नाम पर आरोपी को झूठे मुकदमे में फंसाया जाना, शराब के साथ गिरफ्तार को मोटी रकम लेकर छोड़ देने के पुख्ता सबूत के बावजूद कार्रवाई न करना, बालू माफिया द्वारा एक थानेदार द्वारा दूसरे पर हमले की शिकायत के बावजूद कार्रवाई न करना, वरीय पत्रकार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हथकड़ी लगाने से रोक के बावजूद बगैर चेहरा छिपाये खुद थानेदार द्वारा फोटो वायरल करना, पीडीएस के विरुद्ध खबर छापने वाले पत्रकार को बगैर जांच गिरफ्तार करना आदि- आदि।
लोकसभा चुनाव में एक ही दिन चुनाव आयोग के आदेश पर डीएम आशुतोष कुमार वर्मा व तत्कालीन एसपी अंबरीश राहुल का तबादला कर दिया गया था। इन दोनो अधिकारी को पूरे चुनाव अवधि तक दूर रखा गया था। चुनाव के लिए जिले के डीएम प्रशांत कुमार एसएच व एसपी कार्तिकेय शर्मा को भेजा गया था, जिन्होंने शांति पूर्ण व हिंसा मुक्त चुनाव सम्पन्न कराया था। लेकिन अपने प्रभाव तथा अन्य क्षमता से आचार संहिता समाप्त होते ही पुनः इसी जिले में डीएम व एसपी का पदस्थापना कर दी गयी।
नये एसपी के लिए बालू-दारु, पुलिस माफियाओं के साथ आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाना चुनौती होगा। लोगों कोे उम्मीद है कि नये एसपी पुलिस माफियाओं के साथ बालू- दारू व अपराध व आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में सक्षम होंगे। इसके साथ ही निष्पक्ष पत्रकारिता करने वालों का सम्मान करते हुए थानाध्यक्षों की मनमानी पर अंकुश लगा पायेंगे?
भईया जी की रिपोर्ट