नवादा : जिले के आम अवाम का पुलिस से भरोसा समाप्त हो गया है। हत्या, लूट, चोरी, वाहन चोरी आदि बढ़ती घटनाओं के मामले में पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर अपने कर्तव्य की गति श्री कर ले रही है तभी तो अपराध चरम है। पुलिस से भरोसा उठा तो जिले के उग्रवाद प्रभावित रोह थाना क्षेत्र के सुंदरा गांव के लोगों ने ख़ुद गांव की सुरक्षा की कमान संभाल ली। सुरक्षा इतनी सख्त कि बिना आधार कार्ड दिखाए गांव में इंट्री तक नहीं होने दे रहे हैं। यह कोई तुगलकी फरमान या कोई सरकारी आदेश नहीं है,बल्कि चोरी की लगातार घटना से परेशान स्थानीय ग्राम वासियों काजारी किया गया फरमान है।
बता दें कि जिले के रोह प्रखंड अंतर्गत यह सुंदरा गांव है, जहां चोरी की घटना से भयभीत ग्रामीणों ने अब सुरक्षा की कमान खुद संभाल ली है। यहां प्रतिदिन रात में ग्रामीण सामूहिक रूप से न केवल पहरा दे रहे हैं,बल्कि देर रात गांव में प्रवेश करने वाले अनजान व्यक्ति का सबसे पहले वे आधार कार्ड देखते हैं। जब सारी जानकारी सही पाते हैं , इसके बाद ही गांव में घुसने देते हैं।
स्थानीय गौतम कुमार ने बताया कि गांव के बसंत कुमार के घर 3 सितंबर की रात चोरी होने के बाद ग्रामीणों द्वारा बैठक की गई और गांव की सुरक्षा के लिए टीम बनाई गई। इसमें हर घर से एक व्यक्ति को शामिल किया गया जो रात्रि में रतजग्गा कर गांव का पहरा देंगे। इसके लिए सात दिनों के लिए कुल सात टीम बनाई गई है। जिसमें ग्रामीण लाठी-डंडे, मोबाइल और टार्च से लैस हैं, इनके द्वारा गांव के गली, मोहल्ले, चौराहे, खलिहान में गश्त जारी है। अपरिचित और बाहरी लोगों की पहचान की पुष्टि होने पर ही उन्हें गांव में घुसने दिया जा रहा है।
ग्रामीण विकास कुमार, अरविंद कुमार, पप्पू, संजय कुमार, विवेक कुमार, किशोरी लाल, राकेश कुमार, मुन्नी प्रसाद ने बताया कि चोरी की घटना से परेशान होकर उन्हें ऐसा कदम उठाने पर विवश होना पड़ा। मरूई पंचायत की मानपुर, जागीर और राजा विगहा में भी ग्रामीणों द्वारा रात में पहरा दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रात्रि में संदिग्ध लोगों को घूमते देखा गया, जिसके बाद से ग्रामीणों ने टीम बनाकर रात में पहरा देना शुरू किया।
उल्लेखनीय है कि रोह थाना क्षेत्र के सुंदरा गांव में एक घर से 3 सितंबर की रात अपराधियों ने लाखों के जेवरात व नगद रुपए चुरा लिया था। घटना के तीसरे दिन 6 सितंबर की रात चोरों ने परतापुर में एक और रतोई गांव में तीन घरों से लाखों के जेवरात, नगदी और सामानों पर हाथ साफ कर दिया था। एक सप्ताह के अंदर चोरी की तीन घटनाओं से ग्रामीणों में भय का वातावरण बन गया। हालांकि पुलिस उपरोक्त घटनाओं में शामिल अपराधियों की तलाश में जुटी हुई है। फिर भी ग्रामीण सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्वयं पहरेदारी का जिम्मा उठाया है।
भईया जी की रिपोर्ट