-कृषि फसल की क्षति नियंत्रण के लिए मुखिया को दिया गया प्रशिक्षण
नवादा : जी हां! घोरपरास (नीलगाय) और जंगली सुअर से खेती-किसानी को हो रहे नुकसान से निजात के लिए अब मुखिया पावरफुल हो गए हैं। उन्हें दोनों पशुओं को शुटआउट कराने का अधिकार दे दिया गया है। मुखिया अपने अधिकार का इस्तेमाल कैसे कर सकेंगे इसके लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। डीएम आशुतोष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हरिश्चन्द्र स्टेडियम खेल भवन में कृषि फसल की क्षति को नियंत्रित करने हेतु जागरूकता अभियान चलाये जाने के संबंध में ग्राम पंचायतों के मुखिया का जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।।
10 पंचायतों के मुखिया को प्रशिक्षण दिया गया। डीएम द्वारा वन क्षेत्र वाले प्रखंडों में घोड़परास एवं जंगली सुअर से फसल की क्षति को बचाने के लिए अभियान चलाकर प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया। मेसकौर, नारदीगंज, नवादा सदर, वारिसलीगंज, नरहट, पकरीबरावां, हिसुआ एवं काशीचक प्रखंडों में यदि घोड़परास एवं जंगली सुअर से फसल की क्षति होती है तो विधिवत कार्रवाई की जायेगी। उक्त जानवरों पर कार्रवाई के बाद संबंधित प्रखंडों के थाना में सूचना देना होगा एवं कृषि विभाग, पंचायती राज विभाग एवं वन विभाग से समन्वय स्थापित कर एवं संयुक्त हस्ताक्षर से पंचनामा कर इन जानवरों को दफनाने की प्रक्रिया होगी।
वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि घोड़परास एवं जंगली सुअर को मारने के लिए प्रभावित पंचायत के मुखिया को पंचायती राज विभाग द्वारा वित्तीय शक्तियां दी गयी है। जिसमें शूटर को 750 रूपये एवं दफनाने के लिए 1250 रूपये दिया जायेगा। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के निर्देशानुसार घोड़सवार एवं जंगली सुअर को मारने से लेकर दफनाने तक की पूरी प्रक्रिया में गांव के मुखिया की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
वन जीव (संरक्षण) अधिनियम के अनुसार संरक्षित क्षेत्र के बाहर पेशेवर शूटर की मदद से इन दोनों प्रजातियों की पहचान करने और उन्हें मारने की अनुमति देने के लिए पंचायत के मुखिया को नोडल पदाधिकारी नियुक्त किया गया है। संबंधित मुखिया पर्यावरण एवं वन विभाग तथा कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय कर अपने क्षेत्र के किसानों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर पेशेवर शूटर द्वारा नील गाय तथा जंगली सूअर को मारने की अनुमति दे सकते हैं। डीएम ने उपस्थित संबंधित विभाग के पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के स्तर पर आयोजित बैठक में लिये गए निर्णयों को कार्यान्वित करने एवं अनुपालन प्रतिवेदन समर्पित करेंगे।
उन्होंने सभी पंचायतों में खेल मैदान के बारे में विस्तृत रूप से बताया कि जिले में कुल 187 पंचायत है, जिसमें से 31 पंचायतों में खेल के मैदान को चिन्हित किया जाना शेष है। बाकी सभी पंचायतों में खेल मैदान को चिन्हित कर लिया गया है। उन्होंने कुछ सरकारी योजनाओं खासकर पंचायत सरकार भवन के निर्माण के बारे में भी जानकारी दी। बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी नवीण कुमार पांडेय, प्रशिक्षु वन पदाधिकारी श्रेष्ठ कुमार कृष्णा के साथ-साथ पंचायतों के मुखिया प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।
भईया जी की रिपोर्ट